Anchoring motivational Shayari in Hindi-इस पोस्ट में दमादार पावरफुल मोटिवेशनल शायरी शेयर किया गया है -best anchoring motivational shayari in hindi-मंच संचालन के लिए प्रभावशाली शायरी।-मंच संचालन के लिए मोटिवेशनल शायरी।-best motivational shayari for manch
best anchoring motivational shayari in hindi
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे
कल क्या होगा ये कभी मत सोचो
क्या पता कल खुद वक्त अपनी तस्वीर बदल दे।
जीवन में गिरना भी अच्छा लगता है
औकाद का पता चलता है
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को
तो अपनों का पता चलता है।
तू ज़िंदगी को जी
उसे समझने की कोशिस न कर
सुन्दर सपने के ताने -बाने बन
उसमे उलझने की कोशिश न कर।
मुस्किलो से भाग जाना आसान होता है
हर पल ज़िंदगी का इम्तिहान होता है
डरने वाले को कुछ नहीं मिलता यंहा
लड़ने वालो के कदमो में जहां होता है।
ए हालत तेरी ज़ंज़ीर तोड़ जाऊँगा
तेरी हाथो की लकीर मोड़ जाऊँगा
देखते रह जाओगे आँखे फॉर के अपनी
तेरे सामने वो तस्वीर छोड़
आँखों में पानी रखो
होठो पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो ,तरकीब बहुत सारे रखो।
गिर गिर के यारो मुझको खूब संभालना आता है ,
जलकर बुझना आता है बूझकर जलना आता है
अपने ही किस्मत लिखता हु खुद अपने हाथो
मुझको साड़ी महफ़िल का अंदाज़ बदलना आता है।
मंच संचालन के लिए प्रभावशाली शायरी।
जीतूंगा मैं यह खुद से वादा करो
जितना सोचते हो कोशिश उससे ज़्यादा करो
तक़दीर भी रूठे पर हिम्मत न टूटे
मजबूत अपना इतना इरादा करो।
वो पथ क्या पथिक कुशलता क्या
जिस पथ में बिखड़े सुल न हो
नाविक की धैर्य कुशलता क्या
जब धाराएं प्रतिकूल न हो।
सामने हो मंजिल तो रास्ते मत मोड़ना
जो भी मन में हो सपना मत तोडना
कदम कदम पर मिल्रेंगे मुस्किले आपको
बस सितारे छूने के लिए ज़मीन मत छोना।
खुद को कमजोर समझके यु नाकाम न कर
ज़िल्लत भरी ज़िंदगी जीते जीते उम्र तमाम न कर
अपने ताक़त से हवा का रुख बदलना है तुझे
आदमी होकर आदमियत को बदनाम न कर।
राह में पत्थर से बढ़कर कुछ नहीं है मंजिले
रास्ते आवाज़ देते हैं सफर जारी रखो।
काम करो ऐसे की पहचान बन जाय
हर कदम चलो ऐसे की निसान बन जाय
यह ज़िंदगी तो सब काट लेते हैं
ज़िंदगी ऐसे जियो की मिसाल बन जाय।
कभी भी तक़दीर की दी हुयी भीख न ले
हार जीत है यदि हम इससे कुछ सिख लें।
best motivational shayari for manch
रख हौशला वो मंजर भी आएगा
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा
थक कर न बैठ ये मंजिल के मुसाफिर
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा।
सिर्फ बुझदिल ही अपने किस्मत को कोसता है
पैर न होने से नहीं सोच से आदमी अपंग होता है।
मंजिल यु ही नहीं मिलती राहो को
दिल में जूनून सा जगाना पड़ता है
पूछा चिड़ियाँ से की घोसला कैसे बनता है
वह बोली की तिनका तिनका उठाना पड़ता है।
तनहा बैठकर न देख हाथो की लकीर अपनी
उठ बांध कमर और लिख दे तकदीर अपनी।
बुझी समां भी जल सकती है
तूफ़ान से कस्ती भी निकल सकती है
होकर मायुश यु न अपने इरादे बदल
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है।
मुस्किले दिल के इरादे आज़माती है
स्वप्न में परदे निगाहो से हटाती है
हौशला मत हार गिरकर वो मुसाफिर
ठोकडे इंसान को चलना सिखाती है।
निशिचित जीत कायर को भी वीर बना देती है
अनिश्चित जीत ही वीर की परीक्षा लेती है।
मंच संचालन के लिए मोटिवेशनल शायरी।
इसक में जीत के आने के लिए काफी हु
मैं अकेला ही ज़माने के लिए काफी हु।
अभी ज़िंदा है हौशला उड़ान बांकी है
ये हवाओ का सिलसिला है तूफ़ान बांकी है
ऐ मुस्किले अभी तो चलना सीखा है
छलांग बांकी है असली मुकाम बांकी है।
एक पत्थर चोट खाके कंकर कंकर हो गया
एक कंकर छोट खाकर शंकर शंकर हो गया।
किसमत तेरी दासी है यदि परिश्रम तेरा सच्चा है
नियत भी साथ देगा और जीत भी तेरा पक्का है