Poem on Diwali in Hindi-इस पोस्ट में दिवाली पर कुछ कविता शेयर किया गया-Diwali Poem in Hindi -दिवाली पर कविता-Poem on Diwali in Hindi- Diwali Poem for kids in Hindi-Diwali par Kavita-दिवाली पर कविता -Poem on Diwali in hindi
Diwali Poem for kids in Hindi
दीप जलाओ दीप जलाओ
आओ दिवाली रे
ख़ुशी ख़ुशी सब हँसते आओ
आज दिवाली रे
मैं तो लूंगा खील खिलौने ,
तुम भी लेना भाई
नाचो गाओ ख़ुशी मनाओ
आज दिवाली आयी
आज पटाखे खूब चलाओ
आज दिवाली रे।
दीप जलाओ दीप जलाओ
आज दिवाली रे ,
नए नए मैं कपड़े पह्नु
खाऊ खूब मिठाई ,
हाथ जोड़कर पूजा करलु
आज दिवाली आयी ,
दिवाली पर कविता
आयी है दिवाली देखो
आयी है दिवाली।
लेके जीवन में खुशहाली
आयी है दिवाली।
आगन आंगन में है रौनक
चारों ओर रंगोली से सजावट
दियो से साज़ गयी है चौखटें
रंगीन हो गयी झालरों से दीवारें
मन में हर्ष और उल्लास फैलाने
आयी है दिवाली
खुशियां ने दी है आहटे
रौशनी से रौशन है सब
चारो ओर फैली है जगमगाहट
पटाखे की गूंज से
आसमा भी हो गया रौशन
आयी है दिवाली देखो
आयी है दिवाली ,
poem on diwaali in hindi
दीपो का त्यौहार दिवाली
खुशियों का त्यौहार दिवाली
बनवास पूरा करके आये श्री राम
अयोध्या के मन भाये श्री राम
घर घर सजे सजे हैं आँगन
जलते पटाखे फुलझड़ियां बम
लक्ष्मी गणेश जी का पूजन करे लोग
लड्डुओं का लगता है भोग
पहने नए कपडे खिलातें हैं मिठाई
देखो देखो दिवाली आयी।
top Diwali Poem for kids in Hindi
पटाखों की आवाज़ से
गूंज रहा संसार
दीपक की रौशनी और,
अपनों का प्यार
मुबारक हो आपको ,
दीपावली का त्यौहार
खुशियों का बाग़ लगे आंगन में
वो रात भी किस्मत वाली
दीपों से चमकता घर हो सारा
ऐसी मुबारक आपकी दिवाली हो ,
दिवाली पर कविता
दिवाली आयी दिवाली आयी
अपने संग खुशियां लायी ,
दीप जलाओ दीप जलाओ
नाचो गाओ खुशियाँ बनाओ
दिवाली आयी दिवाली आयी
घर आगन में खुशियाँ छाई
कोना कोना जगमगा उठा ,
प्रकाश ही प्रकाश छाई है।
दिवाली आयी दिवाली आयी
दीपो का श्रृंगार लाया ,
बच्चो की खुशियां लायी
चेहरा सबका खिल खिलखिलायी
दिवाली आयी दिवाली आयी
लक्ष्मी माँ की पूजा आयी
सुख समृद्धि घर में आयी
चारो ओर हर्षो उल्लास छाई
दिवाली आयी दिवाली आयी
घर का कोना कोना छाई
चेहरे पर रौनक लायी
खुशियां वाली दिवाली लायी।
दिवाली आयी दिवाली आयी
अपने संग खुशियां लायी।
छोड़ छाड़ के द्वेष भाव को
क्या है तेरा क्या है मेरा
दिवाली के शुभ अवसर पर
मन से मन का दीप जलाओ।
जीवन चार दिन का फेरा
दूर कर सको तो कर डालो
निंदा नफरत बुरी आदते
मन का गहन अँधेरा
खूब मिठाई खाओ छक कर
लड्डू वर्फी गुजिया चमचम
दिवाली के शुभ अवसर पर
मन से मन का दीप जलाओ।
दीप जलाओ कविता
दिवाली त्यौहार दीप का
मिलकर दीप जलाएंगे
सज़ा रंगोली से आंगन को
सब का मन हर्षाएंगे
बम पटाखे भी फोड़ेंगे
खूब मिठाई खाएंगे
दिवाली त्यौहार मिलन का
घर घर मिलने जाएंगे।
दिवाली आयी दिवाली आयी
मिलकर करेंगे घर की सफाई
माँ बनाइयेगी ढेर मिठाई
लड्डू वर्फी और रसमलाई
पापा लाएंगे बम पटाखे
हम छोड़ेंगे धूम धाराके
दिवाली आयी दिवाली आयी
आओ मिलकर करे सफाई ,
जगमग जगमग दीप जले
जगमग जगमग दीप जले
हुआ दूर अधियारा चमका है
चम् चम् उजियारा
ठुमक चली नार
छम छम जैसे कोई दुल्हन चले ,
छम छम जैसे कोई दुल्हन चले
जगमग जगमग दीप जले
जगमग जगमग दीप जले .
अन्धकार पर प्रकश की विजय मनाते
दीपा वली में हम दिए जलाते
कोना कोना भी जग मगा उठता
प्रकश का जब ये पर्व है आता
माँ लक्ष्मी की हम पूजा करते
सुख समृद्धि की हम कामना करते
चारो ओर हर्सोउल्लास होता
प्रकाश का जब ये पर्व है आता
बूढ़े बच्चे मिलकर हँसते गाते
चारो ओर खुशियां के दीप लाते
खुशियों की वहार है लाता
प्रकाश का जब ये पर्व है आता
बाजारों की रौनक लौट आती
लोग नए वस्त्र और आभूषण खरीदते
ढोल पतासे और घंटियां बजती
प्रकश का जब ये पर्व है आता
इस पावन अवसर पर चलो एक वादा करते हैं ,
अपने मन से क्रोध और ईर्ष्या भगाएंगे
भूल कर सारे द्वेष भावना
दोस्ती का नया दीप जलाएंगे
आओ हम सब मिलकर ख़ुशी मनाएंगे ,
Diwali par Kavita
दीपो की अवलि मुस्काई
घर – आंगन में ख़ुशी है छायी
दीपोत्सव का पर्व है आया
रौशनी की बहार महकाई
न रहे अब कहि अधियारा
बुझे दीपो में पुनः सांस आयी
फुलझरियो से चहकी उमंगें
बाल मंडली ने मौज मनाई
सजे बाजार सजी गलियां
मिठाईयों ने रौनक लगाई
बच्चे बड़े सभी बुजुर्गो ने
नई नवेली पोशाक पायी
हुआ नगर दीपो से झील मिल
झालर सितारों ने छटा सजाई
द्वार द्वार पर सज्जित रंगोली
मित्र बधु ने दे रहे बधाई ,
पूजा की सुबह बेला आयी
आस्था प्रेम से सजी है थाली
पूजन हो रहा श्रद्धा भक्ति से
माँ लक्ष्मी ने कृपा बरसाई
प्रेम प्यार का भाव बताती
दिवाली की रात है आयी
सत्य सदा जीता है जग मग
यही तो है अटल सच्चाई।
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