Poem on Hindi diwas -इस पोस्ट हिंदी दिवस पर बेहतरीन कविता शेयर किया गया है -Hindi diwas kavita/shayri-हिंदी दिवस पर सुंदर कविता-Hindi diwas kavita-poetry in Hindi diwas-14 सितंबर हिंदी दिवस पर कविता-best Poem on Hindi diwas-हिंदी दिवस पर कविता-Hindi day poem
Hindi diwas kavita/shayri
भारत माँ की शान है हिंदी
हम सब का अभिमान है हिंदी
जन जन की भाषा है हिंदी
भारत की आशा है हिंदी
बच्चो का पहला सब्द है हिंदी
हिन्दुस्तान की गौरव गाथा है हिंदी
एकता की अनोखी परम्परा है हिंदी
हिन्दुस्तान की आवाज़ है हिंदी
हर दिल की धरकन है हिंदी
सरल सब्दो में कहा जाय तो
जीवन की परिभाषा है हिंदी।
हिंदी इस देश की गौरव है
हिंदी भविष्य की आशा है
हिंदी हर दिल की धरकन है
हिंदी जनता की भाषा है
इसको कबीर ने अपनाया
मीरा ने मान दिया
आज़ादी के दीवाने ने
इस हिंदी को सम्मान दिया
जन जन ने अपनी वाणी से
हिंदी का रूप तराशा है
हिंदी हर क्षेत्र में आगे है
इसको अपनाकर नाम करें
हम देश भक्त कहलाएंगे
जब हिंदी में सब काम करें
हिंदी चरित्र है भारत का
नैतिकता की परिभाषा है
हिंदी हम सब की खुशहाली है
हिंदी विकाश की रेखा है
हिंदी में ही इस धरती ने
हर खुवाब सुनहरा देखा है
हिंदी हम सब का स्वाभिमान
यह जनता की अभिलाषा है।
हिंदी दिवस पर सुंदर कविता
हिंदी तुम ऐसे ही रहना
अपने ही मन की तुम कहना
है उपेक्षित हमे समझना
हिंदी है भावो का गहना
जो इसे दुस्कर माने हैं
कहां इसे पूरा जाने हैं
हिंदी ने सब अपनाया है
विविधता में मन रामाया है
बुनती आयी बोली भाषा
प्रेम बढ़े यह सबकी आशा
कोई कहे संस्कृत की बेटी
या अवाहट से जीवन पाया है
हिंदी ने सब अपनाया है
अवधि ब्रज और खरी भाषा
घोल पिया मन फिर भी प्यासा
अंग्रेजी संग नेह किया
इंग्लिश रूप घर आयी है
हर सांचे में ढलती हिंदी
क्यों अपने घर में बनी परायी है
इतनी दूरी तय की इसने
भाषायी दंगल में पीसने
हमने छोड़ा हिंदी को
पर हिंदी छोड़ न पायी है
सात समंदर पार भी हिंदी
मन में बैठ चली आयी है
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हर हिन्दुस्तानी की ये अभिलाषा हो
हिंदी हो हम हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा हो
केवल एक दिन ही नहीं हमे
नित्य दिन हिंदी दिवस मनाना है
जन जन ने यह ठाना है
हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाना है
जिससे है जुडी मेरी हर खुवाब है
जिससे है जुडी मेरी हर आशा है
जिससे है मुझे पहचान मिली वो
मेरे हिंदी राष्ट्र भाषा है।
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अंग्रेजी में नंबर थोड़े कम आते हैं
अंग्रेजी बोलने से भी घवराते हैं
पर स्टाइल के लिए पूरी जान लगाते हैं
क्योकि हम हिंदी बोलने से सरमाते हैं
एक वक़्त था जब हमारे देश में
हिंदी का बोलवाला था
माँ की आवाज़ में भी सुबह का उजाला था
उस माँ को अब हम mom बुलाते हैं
क्योकि अब हम हिंदी बोलने से सरमाते हैं
देश आगे बढ़ गया पर हिंदी पीछे रह गयी
इस भाषा से अब हम नजर चुराते हैं
क्योकि हम हिंदी बोलने से सरमाते हैं
माना ,अंग्रेजी पूरी दुनिया को चलाती है
पर हिंदी भी हमारी पहचान पूरी
दुनिया में कराती है।
क्यों न अपनी मातृ भाषा को
फिर से सराखों पर बिठाये
आओ हम सब मिलकर हिंदी दिवस मनाएं।
हिंदी हिन्दू हिन्दुस्तान
कहते हैं सब सीना तान
पल भर के लिए ज़रा सोचे इंसान
रख पाते हैं हम इनका कितना ध्यान
सिर्फ 14 सितम्बर को ही करते हैं
अपनी राष्ट्र भाषा का सम्मान
हर पल हर दिन करते हैं हम
हिंदी बोलने वालो का अपमान
14 सितम्बर को ही क्यों
याद आता है बस हिंदी बचाओ अभियान
क्यों भूल जाते हैं हम
हिंदी को अपमानित करते हैं
खुद हिन्दुस्तानी इंसान
हिंदी दिवस पर बेहतरीन कविता
हिंदी मातृ भाषा है हमारी
जन जन को यह जान से प्यारी
सम्पूर्ण देश को जोड़े हिंदी
सूंदर अटल कड़ी ये हिंदी
मीठी सरल अति मनभावन
पढ़ने लिखने में सहज और पावन
माँ समान है बंदनीय हिंदी का यह अभिमान
मत भूलो यह देश मेरी की है अमूल्य पहचान
गर्व है हिंदी पर हम है हिन्दुस्तानी
मिलकर हम गुणगान करे कोई न है इनका सानी।
हम सबकी प्यारी
लगती सबसे न्यारी
कश्मीर से कन्याकुमारी
राष्ट्रभाषा हमारी।
साहित्य की फुलवारी
सरल सुबोध पर है भारी
अंग्रेजी से जुंग जारी
सम्मान की है अधिकारी
जन जन की हो दुलारी
हिंदी ही पहचान हमारी।
बच्चो का पहला सब्द है हिंदी
माँ के प्रेम की छाया हिंदी
पिता का प्यार है हिंदी
ममता का आँचल है हिंदी
हिन्दुस्तान की आवाज़ है हिंदी
हर दिल की धरकन है हिंदी
शहीदों की भूमि है हिंदी
हिन्दुस्तान की ताक़त है हिंदी
ज्ञान का सागर है हिंदी
हिन्दुतान का सामान है हिंदी
हिन्दुस्तान की संस्कृति का प्रतिबिम्ब है हिंदी
हर भारतीय नागरिक की पहचान है हिंदी।
Hindi day poem
एक डोर में सबको जो बांधती
वह हिंदी है
हर भाषा की सगी बहन जो मानती
वह हिंदी है
भरी पूरी हो सभी बोलियां
यही कामना हिंदी है
गहरी हो पहचान आपसी
यही साधना हिंदी है
सौत बिदेशी रहे न रानी
यही भावना हिंदी है
तत्स्म तद्भव देशी विदेशी
सब रंगो को अपनाती
जैसे आप बोलना चाहे
यही मधुर बन जाती है
नए अर्थ की रूप धरती
हर प्रदेश की माटी पर
खाली पिली बोम मारती
मुंबई की चौपाटी पर
चौरंगी से चली नवेली
प्रीति प्यासी हिंदी है
बहुत बहुत तुम हमको लगती
भालो वासी हिंदी है
उच्च वर्ग की प्रिय अंग्रेजी
हिंदी जन की बोली है
वर्ग भेद को ख़त्म करेगी
हिंदी वह हमजोली है
सागर में मिलती धाराएं
हिंदी सबकी संगम है
शब्द नाद लिपि से भी आगे
एक भरोषा अनुपम है
गंगा कावेरी की धारा
साथ मिलाती हिंदी है
पूर्व पशिचम कमल पंखुड़ी
सेतु बनाती हिंदी है।
जन्म हुआ मानवता का
हां यही तो वह हिन्दुस्तान है
दी सिख जिन्होंने धर्म की हमको
तुलसी कवीर संत महान है
संस्कृति से हमारी संस्कृति
हिंदी से हिन्दुस्तान है।
है ये भाषा जनमानस की
जो ह्रदय से सबको जोड़ती है
पढ़ा जाय इतिहार तो ये
सभ्यता की ओर मोड़ती है
हर हिन्दुस्तानी के दिल में
इसके लिए सम्मान है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिन्दुस्तान है।
मुग़ल आये या आये गोरे
सबको मार भगाया था
सारा भारत जब आपस में
हिंदी से जुड़ पाया था
तभी तो हिंदी भाषा में
गया जाता राष्ट्रगान है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिन्दुस्तान है।
हिंदी दिवस पर सुंदर कविता
सूंदर भाषा जो हिन्दुस्तान की ताज है
आवाज़ हर हिन्दुस्तान की है
सुरीले जिसके सुर और आवाज़ है
यह भारतीयों की प्यार भरी भाषा हिंदी है
यहां जो जन जन की ओजस्वी आवाज़
हिंदी है सब भाषाओ है
बहना बोली और देववाणी के संग रहना है
सब भाषाओ की गुरु है हिंदी
भारत की आन जान वान सांन है हिंदी।
हर हिन्दुस्तानी की आशा है हिंदी
भारत के जन जन की भाषा है हिंदी
जिस भाषा ने पुरे देश को जोड़कर रखा
वो मजबूत की परिभाषा है हिंदी
हिन्दुस्तान की गौरव गाथा है हिंदी
एकता की अखंड परम्परा है हिंदी
जिसके गर्व से नित्य नई कोपलें फूटती
ऐसी मातृभाषा है हिंदी
जिसने गुलामी में क्रांति की ज्वाला जलाई
ऐसे वीरो की प्रसूता है हिंदी
जिसके बिना हिन्द थम जाए
ऐसी जीवन रेखा है हिंदी
जिसने सबके मन को जीत लिया
ऐसी मनमोहनी भाषा है हिंदी
सरल सब्दो में कहा जाय तो
जीवन की परिभाषा है हिंदी।
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