chanakya niti in hindi-इस पोस्ट के अंदर chanakya niti का संग्रह लिखा गया है | अगर आपको भी चंक्या के नीतियों के बारे में जानना अच्छा लगता है और उन नीतियों को पढ़ना पसंद करते हैं तो निचे दिए गए सभी चाणक्य निति कोको जरूर पढ़ें | और अगर पोस्ट अच्छा लगे तो कमेंट जरूर करें और उसके साथ ही वेबसाइट को सब्सक्राइब जरूर करें -chanakya niti in hindi pdf-चाणक्य नीति सुविचार-चाणक्य नीति अनमोल वचन शायरी-chanakya niti in hindi quotes-चाणक्य नीति जीवन जीने की status
चाणक्य कोन थे ?
चाणक्य प्राचीन भारत के शाही सलाहकार,न्यायविद शिक्षक और महान कूटराज़नीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था ,उन्होंने अपने शिक्षा दीक्षा तक्षशिला विश्वविद्यालय से पूरा किये ,उनके राजनीतिज्ञ में बहुत अधिक पकर था। उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने के बाद उसी विश्वविद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य करने लगे। उन्होंने प्राचीन भारत में मौर्य साम्राज्य की स्थापना में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे चन्द्रगुप्त के पोते अशोक सम्राट के भी मुख्य सलाहकार थे ,और रणनीतिकार के रूप में भी कार्य किया।
chanakya niti in hindi
हारना आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपनों से हो
जितना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपने
आप से हो
अगर किसी व्यक्ति का स्वभाव अच्छा है तो उसे किसी गुण की
क्या ज़रूरत यदि आदमी के पास प्रसिद्धि है भला उसे किसी
सिंगार की क्या जरुरत है
सभी प्रकार के भय से बदनामी का भय सबसे सबसे बड़ा होता है
इतिहास में उसी का नाम याद किया जाता है जो बिषम से बिषम परिस्थिति
में भी दैनिक समस्याओ में बिना उलझे लक्ष्य प्रप्ति के मार्ग में आने
वाले कठिनाईयों को समूल सुलझा लेते हैं
संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है
संतोष जैसा कोई सुख नहीं है
लोभ जैसा कोई बीमारी नहीं है
और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है
chanakya niti quotes
दुष्ट इंसान की मीठी बातो पर कभी भरोसा मत करो वो अपना
मूल स्वाभाव कभी नहीं छोर सकता जैसे शेर कभी हिंसा नहीं छोर सकता।
अगर सांप जहरीला न भी हो तो उससे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए।
हमे भूत के बारे में न पछताबा करना चाहिए न
ही भविष्या के बारे में चिंता करना चाहिए।
विवेकवान व्यक्ति हमेसा बर्तमान में जीते हैं
कोई काम शुरू करने से पहले अपने से तीन प्र्रश्न कीजिये
मैं ये काम क्यों कर रहा हु
इसके परिणाम क्या हो सकते हैं
और क्या मैं सफल हो जाऊंगा
और जब गहराई से सोचने पर इसके संतोषजनक उतर मिल जाये
तब उस काम के लिए आगे बढिये
गुणों से मानव की पहचान होती है ऊचे सिहासन पे बैठने से नहीं
महल के उच्च सिखर पर बैठने के बाबजूद कौवे को गरूर कहना
असंभव है
इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये की आपने क्या करने के लिए सोचा है
बुद्धिमानी से इससे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये
कुबेर भी अगर आय से ज्यादा व्यय करे तो
कंगाल हो जाता है
Chanakya Niti For Success | सफलता के लिए चाणक्य निति
शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है एक शिक्षित वयक्ति हर जगह सम्मान पता है
शिक्षा सौंदर्या और यौबन को परास्त कर देती है।
जैसे ही भय आपके करीब आये उसे आक्रमण कर नस्ट कर दीजिये।
किसी मुर्ख व्यक्ति के लिए किताबे उतनी ही उपयोगी है जितना
किसी अंधे के लिए आईना
जब तक आपका सरीर स्वस्थ् और नियंत्रण में है
और मृत्यु दूर है अपनी आत्मा को बचने की कोशिश कीजिये
जब मृत्यु सर पर आ जायेगे तब आप क्या कीजियेगा
अपने ईमान और धर्म को बेचकर कमाया गया धन अपने
किसी काम का नहीं होता अतः इसका त्याग करे
यही आपके लिए उत्तम है
एकबार जब काम शुरू कर ले तो असफलता का डर नहीं रखे
और न हीं काम को छोरे निस्ठा से काम करने वाले व्यक्ति ही सबसे सुखी है
सर्प नृप शेर डंक मरने वाले ततैया छोटे बच्चे दुसरो के कुत्तो
और एक मुर्ख इन सातो को नींद से नहीं उठाना चाहिए।
संसार एक करबा बृक्ष है इनके दो फल ही मीठे होते हैं
एक मधुर बानी दूसरा सज्जनो की संगती।
दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति नौजबानी और औरत की सुंदरता।
कभी भी अपने राज़ किसी को मत बताईये
ये आपको बर्वाद कर देगा।
chanakya niti hindi | चाणक्य निति को हिंदी में जाने
एक ही देश के दो सत्रु परस्पर मित्र होते हैं
फूलो की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती है
लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलता है
सेबक को तब परखे जब वो काम न कर रहा हो
रिस्तेदार को किसी कठिनाई में
मित्र को संकट में और पत्नी को घोर बिपत्ति में
आपातकाल में सनेह करने वाला ही मित्र होता है
मित्रो के संग्रह से बल प्राप्त होता है
हर मित्र के पीछे कोई न कोई स्वार्थ होता है
ऐसी को मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ न हो
यह करवा सच है।
वन की अग्रि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है
अर्थात दुश्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते हैं
सिंह भूखा होने पर भी तिनका भी खाता
सत्रु की दुर्बलता जानने तक उससे मित्र बनाये रखे
जो धैर्य वान नहीं है उसका न तो बर्तमान है न भविस्य
मूर्खो की तारीफ सुनने से बुद्धिमान का डांट
सुनना ज्यादा बेहतर है
भाग्य उनका साथ देता है जो हर संकट का सामना करके
भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ रहते हैं
आलसी मनुस्य का बर्तमान और भविस्य नहीं होता
chanakya niti for motivation | चाणक्य निती फॉर मोटिवेशन
व्यक्ति अपने गुणों से ऊपर उठता है
ऊँचे स्थान पर बैठने से ऊँचा नहीं हो जाता
इतिहास गबाह है की हमे जितना नुकसान दुर्जनो की दुर्जनता से नहीं हुआ
उससे ज्यादा नुकसान सज्जनो की निष्क्रियता से हुआ
दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे लोग पैदल चलेंगे
और हम कंधो पर।
जब तक तुम दौरने का साहस नहीं जुटाओगे।
प्रतिस्पर्धा में जीतना तुम्हारे लिए असंभव बना रहेगा।
भगवान मूर्तियों या मंदिरो में बिराज मान नहीं हैं
भगवान हमारे अनुभूति में बिराजमान है
हमारी आत्मा ही भगवान की मंदिर है
खुद का अपमान करके ज़ीने से तो अच्छा है मर जाना
क्योकि प्राणो के तियगन से केवल बार कष्ट होता है
पर अपमानित होकर जीवित रहने से जीवन भर दुख होता है
असंभव शब्द का प्रयोग केवल कायर करते हैं
बहादुर और बुद्धिमान व्यक्ति अपना मार्ग समय पशस्त करते हैं
चाणक्य नीति हिंदी स्टेटस
व्यक्ति अपने कर्मो से महान बनता है अपने जन्म से नहीं
अगर आपको लोगो की जरुरत नहीं है तो लोगो को भी
आपकी ज़रूरत नहीं है
मूर्खो से वाद विवाद नहीं करना चाहिए
क्योकि इससे केवल आप अपना समय ही नस्ट करेंगे
प्रसंसा से बच्चो यह आपकी वक्तित्व की अच्छाईयों को
घुन की तरह चाट सकता है।
बुद्घि से पैसा कमाया जा सकता है
न की पैसो से बुद्धि हांसिल किया जा सकता है
यदि आप प्रयास करने के बाद भी असफल हो गए तो
उस व्यक्ति से हर हाल में बेहतर होंगे
जिसको बिना किसी प्रयास से सफलता मिल गया हो
किसी भी मनुस्य को बर्तमान स्थिति को देखकर
उसके भविष्या का उपहास मत उड़ाओ क्योकि काल में इतनी सकती है
की वह एक मामूली सी कोयले के टुकड़े को हिरे में बदल सकती है
जो तुम्हारी बात सुनते हुए इधर उधर देखे उसपर
कभी विश्वास न करो।
chanakya niti Quotes
जिस तरह सोने का परीक्षण उसे घिसकर काटकर तपाकर
और पीट कर की जाती है
उसी तरह मनुस्य का परीक्षण उसके त्याग
आचरण गुण और उनके व्यवहार से की जानी चाहिए।
सत्रु द्वारा किये गए स्नेहपूर्ण व्यव्हार को
दोषमुक्त नहीं समझना चाहिए।
अपने बच्चे को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो
6 से 15 साल तक कठोर अनुसासन और संस्कार दो
16 के बाद उनके साथ मित्रता करो
आपके संतान ही आपके अच्छे मित्र है
मनुस्य स्वं ही अपने कर्मो के द्वारा जीवन में दुखो को बुलाता है
किसी लक्ष्य की सीधी में किसी सत्रु का साथ न करे
सोने के साथ मिलकर चाँदी भी सोने की तरह दिखाई
पड़ती है अर्थात सत्संग का प्रभाव मनुस्य पर अवश्य पड़ता है
अपने कर्मो पर विश्वास रखिये अपने राशियों पर नहीं
राशि तो राम और रावण की भी एक ही थी लेकिन नियति ने
उन्हें फल उनके कर्म के अनुसार दिया।
chanakya niti Quotes in Hindi
सत्य भी अगर अनुचित है
तो उसे नहीं कहना चाहिए
समय जिसका साथ देता बड़ो बड़ो को मात देता है
आमिर के घर पर बैठा कौआ भी सबको लगता है
और गरब का भूखा बच्चा भी सबको चोर लगता है
जो जिस कार्य में कुशल हो उसे उसी कार्य में लगना
चाहिए।
किसी भी कार्य में पल भर का भी बिलम्ब न करे
चंचल चित वाले के कार्य कभी समाप्त नहीं होते
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहता है
अगर बात उसकी बुराई की हो तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं
सिर्फ पानी से नहाने वाला सफल नहीं होता
पसीने से नहाने वाले ही दुनिया बदलतेहैं
जीवन में अगर आगे बढ़ना है तो बहरे हो जाओ
क्यों की अधिकतर लोगो की बाते मनोबल गिराने बाली
होती है।
Sampurna chanakya niti in hindi
वो जिसका ज़्यान बस किताबो तक सिमित है
और जिसका धन दुसरो के कब्जे में है
वो ज़रूरत पर्ने पर न आपका ज़्यान काम आ सकताहै
और न ही आपका धन।
अधिक सीधा साधा होना भी अच्छा नहीं है
सीधे बृक्ष पहले काट लिए जाते हैं
और टेढ़ा मेधा बच जाता है।
जो सुख सन्ति व्यक्ति को आधात्मिक सन्ति के अमृत से
संतुस्ट होने पर मिलती है वो लालची लोगो के बैचेनी से इधर
उधर घूमने से नहीं मिलती।
एक अनपढ़ व्यक्ति का जीवन उसी प्रकार से बेकार है
जैसे की कुत्ते की पूछ जो न उसके पीछे का भाग ढकता है न
कीड़े मकोड़े के डंक से बचाता है।
एक उत्कृष्ट बात शेर से सीखा जा सकता है
वो ये है की व्यक्ति जो कुछ भी करना चाहता है
उससे पुरे दिल और जोरदार प्रयाश के साथ करे
सारस की तरह एक बुद्धिमान व्यक्ति को अपने इन्द्रियों पर
नियंत्रण रखना चाहिए और अपने उद्देश्य को अस्थान की जानकारी
समय और योग्यता के अनुसार प्राप्त करना चाहिए।
अच्छे कार्य जीवन को महान बनाते है ये
मत भूलो की यह जीवन अस्थायी है।
इसलिए जीवन के हर छन का उपयोग किया जाना
ज़रूरी है मौत आ जाएगी तो फिर कुछ नहीं रहेगा।
न यह सरीर न कल्पना न आशा हर चीज़ मौत के साथ दम तोड़ देगी।
जो लोग परमात्मा तक पहुंचना चाहते हैं उन्हें
बाणी मन इन्द्रियों की पबित्रता और एक दयालु ह्रदय की आवश्यकता
होती है
chanakya niti for students
कामयाब होने के लिए अच्छे मित्रो की ज़रूरत होती है
और जयादा कामयाब होने के लिए अच्छे सत्रुओ की
आवश्यकता होती है।
जैसे एक बछड़ा हजारो गाय के बीच अपने माँ के पीछे चलता है
उसी प्रकार आदमी के अच्छे और बुरे कर्म उसके पीछे चलता है।
बेश्याये निर्धनों के साथ नहीं रहती नागरिक
कमजोर संगठन का समर्थन नहीं करता।
सांप का फन मक्खी का मुख और बिच्छू का डंक
में ज़हर होता है और दुष्ट व्यक्ति इससे भरा होता है।
वह जो अपने परिवार से अत्यधिक ज़ुरा हुआ है
उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है
क्योकि सभी दुखो का जड़ लगाव है इसलिये खुश
रहने के लिए लगाव छोड़ देना चाहिए।
वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह हमारे करीब है
भले ही वह बास्तविकता में हमसे दूर क्यों न हो
लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है
दोष हिन् कार्यो का होना दुर्लभ है
पहले निश्चय कीजिये फिर कार्य आरम्भ कीजिये
चाणक्य निती जिसके मदद से जीवन में सफल हो सकते हैं
अर्थ धर्म और कर्म का आधार है
जो नीच लोग गुप्त बातो को दुसरो के सामने उजागर कर देते हैं
वे ऐसे ही नष्ट हो जाते हैं जैसे दीमक के घर में रहने वाला सांप
जो धन के लिए वेद को पढ़ा तथा सुद्रो के अन्न को खाया
ऐसे ब्राह्मण बिषहीन सर्प के भांति और क्या कर सकते हैं
अपने हाथो से गुथी हुयी माला अपने हाथो से घिसा हुआ चन्दन
और अपने हाथ से लिखा हुआ स्रोत इन सब को अपने ही कार्य
में लगाने से इंद्रा की लक्ष्मी नष्ट हो जाती है
दरिद्रता भी धीरता से सोभित होती है
स्वक्षता से ख़राब कपड़े अच्छे लगते हैं
घटिया भोजन भी गर्म अच्छा लगता है
और कुरूप व्यक्ति भी सुसीलता से अच्छा लगता है
दृष्टि से देखकर पैर रखना चाहिए कपड़े
से शुद्ध करके पानी पीना चाहिए
सस्त्र से शुद्ध करके बचन चाहिए
और मन में बिचार करके कार्य करना चाहिए
यदि सुख चाहिए तो विद्या को छोर दो
अगर विद्या चाहिए तो सुख को छोर दो
सुख की इच्छा करने वाले को बिद्या कैसे प्राप्त होगी
और बिधार्थी को सुख कैसे होगा।
कबि क्या क्या नहीं देखते
स्त्रीयां क्या नहीं कर सकती
मदिरा पिने वाले क्या क्या नहीं बकते
कौए क्या क्या नहीं कहते
दुष्ट और कांटो से बचने का दो उपाय है
या तो उन्हें जूतों से कुचल डालो या उनसे दूर रहो।
चाणक्य नीति ( हिंदी में) chankya niti hindi me
गंभीरता से मनुस्य पर कोई उपदेश लागु नहीं होता
वैसे ही जैसे मलयाचल के संग ही बांस चन्दन नहीं बन जाता
दुर्जन को सज्जन बनाने का इस पृथ्बी पर कोई
उपाय नहीं है वैसे ही सैकड़ो बार धोने के बाद मलत्याग
वाली इन्द्रियां श्रेष्ठ नहीं बन जाती।
समस्त कार्य पूर्ण मंत्राणा से करना चाहिए
लापरवाही अथवा आलश्य से भेद खुल जाता है
आलसी राजा अपने विवेक की रक्षा नहीं कर सकता
आलसी राजा की प्रसंसा उसकी सेबक भी नहीं करते
शक्तिसाली राजा लाभ को प्राप्ति करने का प्रयत्न करता है
सैकड़ो गुणरहित पुत्रो से अच्छा है एक गुनी पुत्री
क्योकि एक चन्द्रमा ही रात्रि के अंधेरो को भगाता है
असंख्य तारे यह काम नहीं करते।
chanakya niti status
वह गाय किस काम की जो न तो दूध देती है न तो
बच्चे को जन्म देती है उसी प्रकार उस बच्चे का जन्म किस
काम का जो न ही बिद्वान हुआ न ही भगवन का भक्त हुआ।
जब व्यक्ति के जीवन में दुःख आता है तो यही तीन लोग सहारा देते हैं
पुत्र और पुत्री
पत्नी
भगवान् के भक्त
जब आप तप करते हैं तो अकेले करे
अभ्यास करते हैं तो दुसरो के साथ करे
गायन करते हैं तो तीन लोग करे
कृषि चार लोग करे
यौद्ध अनेक लोग मिलकर करे।
वही अच्छी पत्नी है जो सुचिपूर्ण है पारंगत
है शुद्ध है पति को प्रसन्न करने वाली और
सत्यवादी है।
जिस व्यक्ति के पुत्र नहीं है उसका घर उजार है
जिसके कोई सम्बन्धी नहीं उसके सभी दिशाए उजार है
मुर्ख व्यक्ति का ह्रदय उजार है
निर्धन व्यक्ति का सबकुछ उजार है.
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