Guru Nanak Quotes in Hindi- इस पोस्ट के अंदर गुरु नानक जी के बिचार को साझा किया गया है जो हम सभी मानव जाती के लिए एक प्रेरणा दायक है Most Inspiring guru nanak Quotes -गुरु नानक देव जी के अनमोल वचन.thoughts of Guru nanak Ji
guru nanak dev ji quotes in hindi
बंधुओ , हम मौत को बुरा नहीं कहते ,यदि हम जानते की वास्तव में मरा कैसे जाता है।
जीवन में हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए की कभी भी किसी का हक नहीं छिनना चाहिए।
यदि किसी वयक्ति को पैसे के अलावा कोई भी मद्दद चाहिए तो हम कभी इसके लिए पीछे नहीं हटना चाहिए।
छोटे बनकर रहना उसी तरह अच्छा है जैसे दूब रहती है। जब और सब घास -पात जल जाते हैं तब भी दूब ज्यो की त्यों बनी रहती हैं।
यदि तू मस्तिष्क को शांत रख सकता है तो तू विश्व विजयी होगा।
प्रभु के लिए खुशियों का गीत गाओ प्रभु का सेवा करो ,और उसके सेवको के सेवक बन जाओ।
पुण्य कर्म करके भी खुद को नीच समझे ,भाव पुण्य का अहंकार कभी भी मन में ना आने दें
हे मनुष्य तू भगवान् को खोजने बन में क्यों जाते हो जैसे वो फूल में बिराजमान रहते
हैं अतः उसे अपने भीतर ही खोजो।
मेरे मन की इच्छा मन में ही रह गयी जन्म जन्मान्तरो के वाद तो मानव-शरीर मिला और इस जीवन में भी भगवान् का भजन नहीं किया ,इससे यह व्यर्थ हो गया।
गुरु नानक जी के 40 +अनमोल वचन
यदि हमे किसी बात का ज्ञान है तो उसे अभिमान नहीं करना चाहिए ,बल्कि बिनम्रा बनकर सीखे।
न मैं बच्चा हु न एक नवयुवक ,न ही मैं पैरानविक हु न ही किसी जाती का हु।
किसी को भी बुरा नहीं कहना चाहिए क्योकि सबमे वह परमत्मा मौजूद है।
दुनिया में किसी भी वयक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिए बिना गुरु के कोई भी किनारे तक नहीं जा सकता है।
तेरी हजारो आँखे हैं और फिर भी एक आँख भी नहीं ,तेरे हजारो रूप है और फिर भी एक भी रूप नहीं।
चिंता से मुक्त रहकर ही हमे कोई कार्य करना चाहिए।
बिना गुरु के कोई दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता।
ऊपर वाले की चमक से सबकुछ प्रकाशवान है।
ईश्वर की प्राप्ति गुरुद्वार संभव है इसलिए गुरु का सामान और बंदन करो।
पैसे का सही जगह जेब है उसे दिल में नहीं उतरने देना चाहिए।
हमे पूरी स्त्री जाती जाती का आदर सम्मान करना चाहिए।
भगवान् एक हैं लेकिन उनका कई रूप है वह सभी का निर्माण करता और खुद मनुष्य का रूप लेता है।
Guru nanak Motivational Quotes about life
मेरा जन्म नहीं हुआ है भला मेरा जन्म या मृत्यु कैसे हो सकता है।
ओछी बृद्धि से मन का ओछा हो जाता है और व्यक्ति मिठाई के साथ मक्खी भी खा जाता है।
जिसने आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त कर लिया उस पर काम और विष का लोभ नहीं चढ़ता।
सब प्राणियों का खून एक है ,चाहे वो बकरी वो या गाय हो या अपनी संतान। पीर -पैगम्बर और औलिया -सब एक न एक दिन मर जायेंगे। इसलिए अपने शरीर का पालन के लिए जीव को वयर्थ मत मारिये।
इंसान के मन में जो भी राज़ की बात होती है छुपी नहीं रह सकती एक न एक दिन जाहिर हो ही जाती है।
अहंकार कभी मनुष्य को मनुष्य नहीं रहने देता ,इसलिए अहंकार नहीं करना चाहिए हमेशा बिनम्रा स्वभाव के साथ अपना जीवन बिताना चाहिए।
जब हवा चलने लगे तो पंख छोड़ देना चाहिए जब इस्वर की कृपा बृस्ति होने लगे तो प्रार्थना और तपस्या छोड़ देनी
दुनिया को जितने से पहले स्वं अपने बिकारो पर विजय पाना ज्यादा जरुरी है।
बुद्धि पंगु है श्रदा सर्व है। बुद्धि बहुत ही चलती वह थक्कार कहि न कहि ठहर जाती। श्रदा अपघटित कार्य कर दिखाती है।
guru nanak dev ji Quotes in Hindi | धार्मिक सुविचार इन हिंदी
क्या तुम्हे मालुम है की सात्विक प्रकृति का मनुष्य कैसे ध्यान करता है ? वह आधीरात को अपने विस्तार में ध्यान करता है जिससे लोग उसे देख न सके।
कर्म के लिए भक्ति का आधार होना आवश्यक है।
धन समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राजो के राजा महराजाओ की तुलना भी उस चिटी से नहीं की जा सकती जिसमे इस्वर का प्रेम भरा हो
चिंताओं और दुखो का रुक जाना ही ईश्वर पर पूर्ण रहने का सच्चा स्वरुप है।
जिनके मन में झूठ हो उन्हें सच कभी भी पसंद नहीं आता यदि और उन्हें कोई सच सुना दे तो वह सुनके अंदर से जल जाते हैं।
ईश्वर की सीमाएं और हदे सम्पूर्ण मानव जाती की सोच में पड़े हैं
यदि तुम ईश्वर की दी हुयी स्वरूपों का सदुपयोग न करोगे तो वह अधिक नहीं देगा। इसलिए प्रयत्न आवश्यक है। ईश-कृपा के योग्य बनने के लिए भी पुरुषार्थ चाहिए।
पानी और उसका बुलबुला एक ही चीज है। उसी प्रकार जीवात्मा और परमात्मा एक ही चीज है अंतर सिर्फ एक ही है की एक परिमित है और दूसरा अनंत एक परतंत्र है दूसरा स्वतंत्र।
Most Inspiring गुरु नानक Quotes
जब एक इच्छा का लेशमात्र भी बिधमान है तब तक ईश्वर के दर्शन नहीं हो सकते हैं। अतएव अपनी छोटी छोटी इच्छाओ का सम्यक विचार – विवेक द्वारा त्याग कर दो।
उस सुख को कभी भी मांगना नहीं चाहिए जिस सुख के बाद भारी दुःख पैदा हो जाय।
मैले शीशे में सूर्य की किरणे का प्रतिबिम्ब नहीं पड़ता उसी प्रकार जिनका अंतकरण मलिन हो और अपवित्र हो उनके ह्रदय में ईश्वर के प्रकाश के प्रतिबिम्ब नहीं पड़ सकता।
अहंकार द्वारा ही मानवता का अंत होता है ,अहंकार कभी नहीं करना चाही बल्कि ह्रदय में सेवा भाव रख जीवन व्यतीत करना चाहिए।