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kanha kamboj shayari in hindi

top 51+ कान्हा कंबोज शायरी kanha kamboj shayari in hindi lyrics

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Best Kahna Kamboj sad shayari Shayari In Hindi

घर की दिवार पर नाख़ून से लिखेंगे
तेरी वेबफ़ाई हम सुकून से लिखेंगे
खत स्याही से लिखे तो फॉर देती हो
इसबार खत तुम्हे खून से लिखेंगे।

जान थोड़ा संभलो अँधेरा है
या कमर से जकड़ लो अँधेरा है।
फिर कभी सुनाना डरावना किस्सा कोई
फिलहाल मेरी बात समझलो अँधेरा है।
यु बेबात लड़कर न जाओ दूर हमसे
यार पास रहकर झगड़ लो अँधेरा है।

मैं उसे गले लगाने वाला था
वो चिल्लाकर बोली
चुपचाप बस हाथ पकड़ लो
अँधेरा है

तुम्हारा हर ज़ख्म हम गबारा कहतें हैं
है यही सच लो हम दुबारा कहतें हैं
जान नहीं मिलना तो साफ़ कह दीजिये
नजर झुकाने को तो हम इसारा कहतें हैं।

सुना है तेरी चाहत में मर गए लोग
यानी बहुत कुछ बड़ा कर गए लोग
सोचा की देखें तुझे और देखकर सोचा ये
तुझे देखकर सोचे क्या क्या कर गए लोग।

हमे अपने शहर ने भी न रखा
वो औरो के शहर में ज़िंदाबाद हुआ।

किसी शहर किसी गली किसी घर में रहो
किसी बेखबर ने कहा मगर खबर में रहो
वर्षो से बीरान पड़ा है तो सलाह है तुम्हें
बनाओ इसमें आसिया दिल के घरो में रहो।

Best Kahna Kamboj poetry In Hindi

डरता था सीहा रातों से मैं
पर इस चाँद से इसक का
चढ़ अब खुमार रहा था
एक रोज लिपटकर सोई थी वो गैर से
उस सर्द रात मुझे बहुत तेज़ बुखार रहा था।

खिलते हुए फूलो के रंग चुराने हैं ,
मुझे ये मौषम तेरे संग चुराने हैं
तेरी जैसी मूरत एक और बनानी है ,
मुझे तेरे सभी अंग चुराने हैं।

मालुम न थी बेवफाई खुद के महबूब की ,
और मैं शहर के हर घर में बाँट अखवार रहा था।

खुद को मेरा साया बताता है
फिर तू क्यों मेरे जैसे नहीं चलता

हिज्र में एकरात मैं ऐसे टाल देता हु
मैं खुद को जैसे सदमे में डाल देता हु
तेरे माशूम से चेहरे पर एक नूर लगाना है
सुतरे माँ के कानो में झुमके डाल देता हु।

तेरी हर हकीकत से रुबरु हो गया हु मैं
ये पर्दा की बात की कर रही है
एक मैं जिसका आँशु नहीं रुक रही
एक तू जो हंस के बात कर रही है।

सबकुछ बताया जाय तो अच्छा रहेगा
अब कुछ न छुपाया जाय तो अच्छा रहेगा
अदालत सजी है तेरे मोहल्ले में तो कोई गिला नहीं
गवाह मेरे मोहल्ले से बुलाया जाय तो अच्छा रहेगा।

कान्हा कंबोज पोएट्री शायरी स्टेटस

कही आँख ही नहीं बह जाय आंशुओ में।,
बेहतर पागल ही कर दो मुसलसल हँसते रहेंगे।

किसी शहर किसी गली किसी घर में रहो ,
किसी बेखबर ने कहा मगर खबर में रहो।
वर्षो से वीरान पड़ा है तो सलाह है तुम्हे
बनाओ इसमें आसिया दिल के घर मे रहो।

किसी ने एक सवाल पूछकर रुला दिया
तुम दोंनो यार कब से बात नहीं करते हो ,

ज़िंदगी किसी की याद में बसर हो रही है ,
है उसी की दुआ जो अबतक असर हो रही है ,
तुम तो कहती थी कोई तालुक नहीं रखना ,
फिर क्यों तुम्हारी गजलें मुझे नजर हो रही हैं।

एकतरफा ही हम तुमपे मरते रहेंगे
तो जान ऐसा हम कबतक करतें रहेंगे
दोस्त बनकर रहतें हैं न दोस्त
आशिक़ी में तो हमतुम मरते रहेंगे।

ये कोन लोग हैं जो आवद हुए हैं
किसी से मोहब्बत के बाद हुए हैं
लोग बर्वाद होकर बनते हैं सायर
हम सायर होकर बर्वाद हुए हैं।

की बस अब तुझे भूलने के लिए याद करता हु ,
कुछ हद तक अपनी आदतों से सुधर रहा हु मैं
जानता हु तूने बदल लिया है शहर अपना
फिर भी तेरी गली से गुजर रहा मैं।

Kanha Kamboj Shayari in Hindi with images Download

जाने क्यों वो इतना मगरूर रहता है ,
किराए के घर में एक मज़दूर रहता है
मुझे देखकर ये सहेली से पूछा उसने
ये पागल किसके गम में इतना चूर रहता है।

एक उम्र काटी है रईसी में साथ तेरे
बिन तेरे ज़िंदगी मुख़लिशि में बसर कर रहा हु
मिल गया है महबूब हु बहु तेरे जैसा
लबो से लगाकर जहर उसका
तेरे ज़हर को बेअसर कर रहा हु मैं
मेरी नज़र से देख किस नज़र से देखता है
नज़रे अपनी तुझे नज़्र कर रहा हु मैं।

साँसे चलती है बदन में हरकत नहीं होती
ये खुद को मारकर जीना कैसा
ye शराब मुझे मीठी लगती है
ये बताओ ज़हर पीना कैसा लगता है।

हिफाज़त दुश्मनो से तो कर लेते
कोई अपना दुश्मनी पे उतर गया है।
मेरे हक में जो दलीले थी फिजूल है अब
मेरा गवाह गवाही देने से मुकर गया।

वेशक तू अपने चेहरे बदल ले
लेकिन मुझसे न कह की नजरे बदल ले ,
अब अपनी अदा में न्यापण ला तू
यार बदल लिया तरीके बदल ले।

हम तेरे साथ ज़रूर खुलेंगे सब्र कर ,
एक रोज़ तुझे अकेले मिलेंगे सब्र कर
इजहारे इसक में वक्त लगता है ,
फिलहाल तो बस इतना कहेंगे सब्र कर।

kanha kamboj shayari 2 line

जो कभी ज़हन तक से तस्लीम था
वो नजरो तक से गिर गया ,
वो बता रहा है हद में रहो ,
जो अपनी हद से गुजर गया।

मेरी ज़िंदगी बेरंग करनेवाले ज़रा सुन ले
मैं तेरी तस्वीर में भी नहीं रंग भरनेवाला
हमारे रस्ते में छाव नहीं मिलनेवाली
हमारे वास्ते वो जिस्म नहीं खोलनेवाला।

साड़ी रात उसे छूने से डरता रहा
मैं वेवस बेचैन और करवटे बदलता रहा।

वक्त जाया न कर मेरे किरदार को पहचानने में ,
तू खुद एक खानी बन जाएगा मेरी हकीकत जानने में ,
चल दिए देखने वेपरवाह गहराई मेरे दर्द की
इतना गहरा हु की ज़माना निकल जाएगा मेरी गहराई नापने में ,

ज़िंदगी किसी की याद में बसर हो रहा है ,
है उसी की दुआ जो अब तक असर हो रही है ,
तुम तो कहती थी कोई तलूक नहीं नहीं रखना
फिर क्यों तुम्हारी गजले मुझे नज़्र हो रही है।

कान्हा कम्बोज shayari status in hindi

पलकों ने बहुत समझाया
पर आँख नहीं मानी
दिन तो हंसकर गुजारा हमने
मगर रात नहीं मानी।

सुना है तेरे चाहनेवाले बहुत हैं ,
ये इसक की मिठाई सबमे बाँट दी तुमने ,
सचमुच बहुत पक्की डोर है तेरे वेवफाई की ,
सुना है रकीब की पतंग काट दी तुमने।

वो मुझे भूलने की कोशिश बार बार कर रही होगी ,
मेरे हिचकियो से लगता है वो मुझे याद कर रही होगी।

तू भी तंग आ गया है मैं भी खुश नहीं
चल यार ऐसा करते हैं अब से बात नहीं करते।

मैं जिस्म नोच लेता था यकींन मान मेरा
ये हाथ हाथ नहीं थे तुझे लगाने से पहले।
उसकी बदन की महक है सूट में अब
ज़रूर पहन के देखा है लौट आने से पहले।

इतनी भी न चला मेरी जान मार्जिया
कुछ तो तू मेरी भी मान मर्ज़ियाँ
झुमके मेरे हैं और उनपर
अपनी कर रहे हैं ये तेरी कान मार्जिया

तेरे इसक में हु बेवस इतना मैं
जवान बेटे पर बाप का हाथ जैसे नहीं चलता
मुझे खिलौना समझती हो तो ये बात भी सुन लो
अब ये खिलौना पहले जैसे नहीं रहे।

मैं हकीकत जानता हु फिर भी छुपाती है बातें ,
मुँह पर झूठ बोलती है यार ईमानदार नहीं लगती।

मेरे घर में आते ही वेफजूल की बातें बना रही है ,
हर बात से बेखबर हु
न जाने किस सकस से पहचान करवा रही है

..

है बस वही ज़िम्मेदार इस हालत का
चलो अब तो कर रहे हैं कारोबार इस हालत का ,
गले लग कर कहा उसने कभी
देखना तुम्हे रहेगा मलाल इस हालत का।

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तू ज़रूरी है हर ज़रूरत को आज़माने के वाद
तू चलना अपनी मर्जी मेरे मर जाने के वाद
है सितम ये भी की हमसे चाहतें हैं
वो भी इतना सितम ढाने के वाद।

माना की हम अदब से बात नहीं करते
ये मानो की हम मतलब से बात नहीं करते
ये नरम लहजा प्यारी बातें तेरे लिए है
हम इस लहजे में सबसे बात नहीं करते।

गर एकतरफा ही हम तुमपे मरते रहेंगे

बात मुझे मत बता क्या बात रही है
रह साथ उसके जिसके साथ रात रही है ,
ज़रा भी नहीं हिचकिचाई होते हुए बेआबरू
बता तेरे जिस्म से अब तक कितनो की मुलाकात रही है।

अँधेरी रात में निकली थी तभी तो नोचा दरिंदो ने
ये घटना दोपहर की है अब बताओ क्या करें।
बाप ने लगा ली फांसी वकील का व्यान सुनकर
तुम्हारी लड़की ने पहल की थी।

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