tehzeeb hafi poetry status-इस पोस्ट में उर्दू मशहूर शायर और कवि तहज़ीब हाफी के कुछ बेहतरीन शायरी प्रस्तुत है। tehzeeb hafi shayari status download-तहजीब हाफी स्टेटस-Tehzeeb Hafi Shayari Collection-Tehzeeb Hafi poetry Collection-top tehzeeb hafi shayari in hindi-तहज़ीब हाफी poetry in hindi-तहज़ीब हाफी poetry for lover
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मुझसे मत पूछो उस सक्स में क्या अच्छा है।
अच्छे अच्छा से मेरा दुआ अच्छा है।
उसी जगह पर जहां कई रास्ते मिलेंगे
पलट के आये तो सबसे पहले तुझे मिलेंगे।
एक इधर मैं हु की घर वालो से नाराजगी है
एक उधर तू है की गैरो का कहा मानता है।
मैं तुझे अपना समझ कर तो कुछ कहता हु
यार तू भी मेरे बातो का बुरा मानता है।
घर में भी दिल नहीं लग रहा काम
पर भी नहीं जा रहा जाने क्या खौफ
है जो तुझे चुमकर भी नहीं जा रहा।
रात को तीन बजने को है यार ये
केस महबूब है जो गले भी नहीं लग रहा
और घर भी नहीं जा रहा।
मैंने जो कुछ भी सोचा हुआ है वो वक्त
आने पर कर जाऊंगा तुम मुझ जहर
लगते हो अब मैं किसी दिन तुझे पिके
मर जाऊंगा
ये कौन राह में बैठे हैं मुस्कुराते हैं
मुसाफिरों को गलत रास्ता बताते हैं
तेरे लगाए हुए ज़ख्म क्यों नहीं भरते
मेरे लगाए हुए पेड़ सुख जाते हैं।
कोई तुम्हारा सफर पे गया तो हम पूछेंगे
रेल गुजरे तो हम हाथ क्यों हिलाते हैं।
tehzeeb hafi shayari in hindi
अगर तू मुझसे सरमाती रहेगी मोहब्बत
हाथ से जाती रहेगी ये जंगली फूल मेरे
वस में कहां है ये लड़की यु ही ज़ज़्बाती रहेगी।
तुझे भी साथ रखता और उसे भी अपना
दीवाना बना लेता अगर मैं चाहता तो
दिल में कोई चोर दरवाज़ा बना लेता।
मैं अपने खुवाब पुरे करके खुश हु
लेकिन ये पछतावा नहीं जात्ता
मुस्तक़्विल बनाने से अच्छा था की
तुझे अपना बना लेता।
उसके चाहने वालो का आज उसकी गली
में धरना है यही पे रुक जाओ तो ठीक है
आगे जाने पर मरना है।
रूह किसी को सौप आये हो तो
ये जिस्म भी ले आओ वैसे भी
मैंने इस खाली बोतल का क्या करना।
मैं ज़िंदगी में पहलीबार आज घर नहीं गया
मगर तमाम रात दिल से माँ का डर नहीं गया।
बस एक दुःख जो मेरे दिल से उम्र भर न जायेगा
उसे किसी के साथ देखकर मैं मर नहीं पाउँगा।
खुद को आईने में कम देखा करो
एक दिन सूरजमुखी बन जाओगे
पहरेदारो से बचूंगा कब तलक
दोस्त एक दिन तुम मुझे मरवाओगे।
तहज़ीब हाफी poetry in hindi
एक और सक्स छोड़कर चला गया तो क्या हुआ।,
हमारे साथ कोण सी ये पहली मर्तवा हुआ।
मेरे खिलाफ दुश्मनो के स्पन है और मैं
बहुत बुरा लोगो को उसपर तीर खींचता हुआ।
जो मुझमे उतरे हैं उन्हें मेरे लहरों का अंदाज़ा है है
दरियाओं में उठता बैठता हु सैलाव वासर करता हु
मेरी तन्हाई का जहर तेरी बिनाई ले डूबेगा।
मुझे इतने करीब से न देखो आँखों पे असर करता हु।
रुक गया है या चल रहा है
हमको सबकुछ पता चल रहा है।
मेरा लिखा हुआ राय गाथा
उसका काटा हुआ चल रहा है।
उसी ने दुश्मनो को बाख़बर रखा हुआ है
ये तूने जिसको अपना कह के घर रखा हुआ है।
मेरे कांधे पर सर रहने नहीं देगा किसी दिन
यही जिसने मेरे कंधे पर सर रखा हुआ है।
धुप पड़े उसपर तो तुम बादल बन जाना
अब वो मिलने आये तो उसको घर ठहरना
तुमको दूर से देखते देखते गुजर रही है।
मर जाना पर किसी गरीब पे काम न आना।
तहज़ीब हाफी poetry for lover
एक इधर मैं हु की घर वालो से नाराजगी है
एक उधर तू है की गैरो का कहा मानती है।
मैं तुझे अपना समझ के तो कुछ कहता हु
यार तू भी मेरे बातो का बुरा मानता है।
मुझसे तो वो काफिर मुसलमा
तो नहीं हो पाया कभी
लेकिन उसको कलमे के
साथ तर्जमा याद है।
बाद में मुझसे न कहना की घर पलटना ठीक है
वैसे सुनने में यही आया है रास्ता ठीक है।
जहन तक तस्लीम कर लेता है उसकी बरतरी
आँख तक तस्दीक देती है बंदा ठीक है।
यह एक बात समझने में रात हो गयी है
हम उससे जीत गए हैं की मात हो गयी है।
मैं अगले साल परिंदो का दिन मनाऊंगा
मेरी करीब के जंगल से बात हो गयी है।
पहले उसकी खुसबू मैंने खुद पे तारी की
फिर मैंने उस फूल से मिलने की तैयारी की
इतना दुःख था मुझको तेरे लौटकर जाने का
मैं घर के दरवाजो से भी मुँह मारी।
tehzeeb hafi poetry gazal download
थोड़ा लिखा और ज्यादा छोड़ दिया
आने वालो के लिए रास्ता छोड़ दिया
लड़कियां इसक में कितना पागल होती है
फ़ोन बजा और चुला जलता छोड़ दिया।
गलत निकले सब अंदाज़े हमारे
की दिन आये नहीं अच्छे हमारे
अगर हमपे आता नहीं यकीं तो
कहि लगवालो अंगूठे हमारे।
किसी तरह इत्मिनाम बढ़ता गया हमारा
यकीं पर जब गुमान बढ़ता गया हमारा
बस एक तसल्ली थी क़ुदरतो आफतो
को लेकर खुदा की जानिब रुझान बढ़ता
गया हमारा उठाये जाने लगे सवालात
इप्तदा पर बस इस तरह खानदान
बढ़ता गया हमारा।
ये दुःख अलग है की मैं उससे दूर हो रहा हु
ये गम जुदा है ये मुझे खुद उससे दूर कर रहा है।
तेरे बिछड़ने पे मैं लिख रहा हु ताज़ा गजलें।
तेरा गम है जो मुझको मशहूर कर रहा है।
तुझे भी साथ रखता और उसे भी
अपना दीवाना बना लेता।
अगर मैं चाहता तो दिल में कोई
चोर दरवाज़ा बना लेता
Tehzeeb Hafi Shayari Collection
उन्होंने कब मेरे मुताविक मुझे दुःख दे पाया
किसने भरना था ये पैमाना अगर खाली था
एक दुःख ये की तू मिलने नहीं आया मुझसे
एक दुःख ये की उस दिन मेरा घर खाली था।
नहीं आता किसी पर दिल हमारा
वही कस्ती वही साहिल हमारा
तेरे दर पे करेंगे नौकरी हम
तेरे गलियां ये मुस्तक़दिल हमारा।
खैर इस बात को छोड़ बता कैसी है
जिसने चाहा था तुझे वो तेरे नजदीक तो है
मैंने जो कुछ भी सोचा हुआ है
वो वक्त आने पर कर जाऊंगा
तुम मुझे जहर लगते हो
मैं तुझे किसी दिन पीके मर जाऊंगा
तेरी तरफ मेरा ख्याल क्या गया
फिर मैं तुझको सोचता चला गया।
ये सह बन रहा था मेरे सामने
ये गीत मेरे सामने लिखा गया।
आँख की खिड़कियां खुली होगी
दिल में जब छोरी हुयी होगी।
या कहि आयना गिरे होंगे
या कहि लड़किया हंसी होगी।
रुक गया है या चल रहा है ,
हमको सबकुछ पता चल रहा है ,
उसने शादी भी की है किसी से ,
और गाँव में क्या चल रहा है।
ये सोचकर मेरा सहरा में जी नहीं लगता ,
मैं सामिले शफे आवारगी नहीं लगता
कभी कभी वो खुदा बनके साथ चलता है ,
कभी कभी तो वो इंसान भी नहीं लगता।
बिछड़कर उसका दिल लग भी गया तो क्या लगेगा ,
वो थक जाएगा और मेरे गले से आ लगेगा ,
मैं मुश्किल में तुम्हारे काम आऊं या ना आउ
मुझे आवाज़ दे लेना तुम्हे अच्छा लगेगा।
थोड़ा लिखा और ज्यादा छोड़ दिया
आने वालो के लिए रास्ता छोड़ दिया
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुजरी
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया।
tehzeeb hafi bewafa shayari
बना चूका हु मैं मोहब्बतों में दर्द की दवा
अगर किसी को चाहिए तो मुझसे रावता करे
ज़िंदगी भर फूल ही भिजवाओगे
या किसी दिन खुद भी मिलने आओगे
खुद को आईने में काम देखा करो
एक दिन सूरजमुखी बन जाओगे
तू भी कब मेरे मुताविक मुझे दुःख दे पाया
किसने भरना था ये पैमाना अगर खाली था
एक दुःख ये की तू मिलने नहीं आया मुझे
एक दुखः ये की उसदिन मेरा घर खाली था।
जो भी मैंने सोचा हुआ है
वो वक्त आने पर कर जाऊँगा
तुम मुझे जहर लगते हो
और मैं किसी दिन तुम्हे पीकर मर जाऊँगा।
उसके चाहने वालो की आज उसके गली में धरना है
यही पे रूक जाओ तो ठीक है आगे जाके मरना है ,
हमे वदन और नसीब दोनों सवारने हैं
हम उसके माथे के प्यार लेके गले मिलेंगे।
कहाँ सोया है चौकीदार मेरा
ये कैसे लोग अंदर आ रहे हैं
यही सोचकर तेरी तरफ न निगाह की
तुझे देख लूंगा तो और क्या नजर आएगा
ये अजीब तालिशम है उस गुलाब से जिस्म में
उसे देख लोगे तो हर जगह नज़र आएगा।
गलत निकले सब अंदाज़े हमारे
एक दिन आये नहीं अच्छे हमारे
अगर हमपे याकि आता नहीं तो
कही लगवा लो अंगूठे हमारे
चाहता हु तुम्हे और बहुत चाहता हु
तुम्हे खुद मालुम है ,
हाँ अगर मुझसे पूछा किसी ने तो
मैं सीधा मुँह पर मुकर जाऊँगा।
तेरे दिल से तेरे शहर से
तेरे घर से तेरी आँख से
तेरी दर्द से तेरी गलियों से तेरे वतन से
निकला हुआ हु किधर जाऊँगा
एक इधर मैं हु एक घरवालों से नाराजगी है ,
एक उधर तू है की घरवालों का कहा मानता है
मैं तुझे अपना समझ के तो कुछ कहता हु
यार तू भी मेरे बातों का बुरा मानता हैा
तहजीब हाफी स्टेटस
अगर ये साम सरमाती रहेगी
उदासी हाथ से जाती रहेगी
दरीचों से हवा आये न आये
तेरी आवाज़ तो आती रहेगी
तुझे मैं इस तरह छूता रहा तो
बदन की ताज़गी जाती रहेगी
ये जंगली फूल मेरे बस में कहाँ है ,
ये लड़की यु ही ज़ज़्बाती रहेगी।
उसी जगह पर जहां कई रास्ते मिलेंगे
पलट के आये तो सबसे पहले तुझे मिलेंगे
अगर कभी तेरे नाम पर जंग हो गयी तो
हम ऐसे बुझदिल भी पहले सख्त पे मिलेंगे।
ये दुःख अलग है की मैं उससे दूर हो रहा हु
ये गम जुदा है वो खुद मुझसे दूर हो रहा है ,
तेरे बिछड़ने पर मैं लिख रहा हु ताज़ा गजलें
ये तेरा गम है की वो मुझे मशहूर कर रहा है।
इसलिए ये शामिल ही नहीं ये महीना
उम्र की जंत्री में हमारी
उसने एकदिन कहा था शादी है
फ़रवरी में हमारी।
क्या गलत फहमी में रह जाने का सदमा कुछ नहीं ,
वो मुझे समझा तो सकता था ऐसा कुछ नहीं ,
इसक से बचकर भी बंदा खुश नहीं होता मगर
यह भी सच है इसक में बन्दे का बचता कुछ भी नहीं।
Tehzeeb Hafi Shayari Collection hindi
तुम्हे ही देखने में मेहब है वो काम छोड़कर
तुम्हारी कार ने तो कारीगर ख़राब कर दी
मेरे बस में नहीं की मैं कुदरत का लिखा हुआ काटता
तेरे हिस्से में आये बुरे दिन कोई दूसरा काटता।
लारियों से ज्यादा भाव था तेरे हर लफ्ज़ में
मैं इसारा नहीं काट सकता तेरी बात क्या काटता।
किसे खबर है की उम्र बस उसपे
गौर करने में कट रही है
की ये उदासी हमारे जिस्मो से
किस ख़ुशी में लिपट रही है।
अजीब दुःख है हम उसके होकर भी
उसे छूने से डर रहें हैं
अजीब दुःख है हमारे हिस्से की आग
औरों में बँट रही है ,
उसके हाथो में जो खंजर है ज्यादा तेज है
और फिर बचपन से ही उसका निशाना तेज़ है ,
जब कभी उस पार जाने का ख़याल आता मुझे
कोई आहिस्ता से कहता था की दरिया तेज़ है।
मैं उसको हर रोज बस यही झूठ सुनने को फ़ोन करता
सुनो यंहा कोई मशला है तुम्हारी आवाज़ कट रही है।
ज़िंदगी भर फूल भिजवाओगे या
किसी दिन खुद भी मिलने आओगे।
पहरेदारों से बचूंगा कबतलक में
दोस्त एक दिन तुम मुझे मरवाओगे
तेरा चेहरा तेरे होठ और पलके देखे
दिल पे आँखे रखे तेरे सांसे देखे
सुर्ख लफ्जो से सच दुआएं होती है
पिले फूलो तेरे नीली आँखे देखे।
Tehzeeb Hafi poetry Collection
किसे खबर है की उम्र इसपे गौर करने
में कट रही है ये उदासी हमारी जिस्मो
से किस ख़ुशी में लिपट रही है।
अजीब दुःख है की हम उसके होने पर भी
उससे छूने से डर रहे हैं अजीब दुःख है की
हमारी हिस्सों की आग औरो में बँट रही है।
मैं हर रोज बस उसके एक झूठ सुनने को
फोन करता हु सुनो यंहा कोई मसल्ला है
तेरी आवाज़ कट रही है।
हाफ़ि साहब सायरी के दुनिया के बहुत ही चमकते सितारे हैं उनका ये बेहतरीन चुनिंदा शायरी कैसा लगा कमेंट करके ज़रूर बताएं, और हमारे अगले पोस्ट को भी ज़रूर पढ़ें।
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