Alfred nobel quotes in hindi -इस पोस्ट में महान वैज्ञानिक और डायनामाइट के अविष्कारक अल्फ्रेड नावेल के बेहतरीन प्रेरणादायक अनमोल विचारो को शेयर किया गया है -Alfred Nobel के 50 अनमोल वचन | Alfred Nobel quotes in Hindi-अल्फ्रेड नोबेल के अनमोल विचार-Alfred nobel motivational quotes in hindi
Alfred Nobel Biography In Hindi
अल्फ्रेड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर 1833 को स्वीडेन के स्कॉटहोल्म शहर में हुआ था उनके माँ का नाम कैरोलिन था और पिता का नाम एमैनुअल था उनके पिता पहारो से पत्थर तोड़कर पूल बनाने का काम करते थे ,कुछ समय वाद स्वीडन में काम की बहुत कमी हो गयी तब उनके पिता अपने पुरे परिवार के साथ रूश के एक बड़े शहर सेंट पिटर्षवर्ग में आ गए वहाँ वो सरकार के लिए गण पावडर बनाने का काम करते थे। जिनसे उन्हें बहुत अधिक पैसा मिलने लगा। और अल्फ्रेड की पढाई लिखे भी अच्छे से होने लगा।
मात्र 17 वर्ष की उम्र में ही अल्फ्रेड को कई भाषा का ज्ञान हो गया जैसे इंग्लिश जर्मन फ्रेंच जैसे भाषाएँ की अच्छी जानकारी हो गयी इनके साथ साथ केमिस्ट्री में भी उनकी बहुत अच्छी पकड़ थी। अल्फ्रेड को 1850 में अच्छी शिक्षा के लिए अमेरिका भेज दिया गया। पढाई पूरा करने के वाद अल्फ्रेड पेरिश चले गए जहां उनकी मुलाकात असकानियाँ सुबेरो से हुयी जिन्होंने नईट्रोग्लेसिऋण की खोज किया था। नईट्रोग्लेसिऋण गण पावडर या किसी और बिस्फोटक से अधिक क्रियाशील हुआ करता था लेकिन वह सेफ नहीं था उसे एक अस्थान से दूसरे स्थान ले जाते वक्त कहि भी ब्लास्ट हो जाता था।
History Of Nobel Prize इन हिंदी
क्रीमिया का युद्ध ख़त्म होने के बाद अल्फ्रेड की पिता को अपना गण पावडर की फेक्ट्री बंद करके अपने शहर स्वीडेन लौट गए तब अल्फ्रेड ने नईट्रोग्लेसिऋण की सेम्पल लेकर अपने पिता के साथ स्वीडन आ गए और अपने भाई और पिता के साथ नईट्रोग्लेसिऋण को सुरक्षित बनाने के लिए काम करना सुरु कर दिया। लेकिन एक दिन अचानक उनके लैब में नईट्रोग्लेसिऋण ब्लास्ट हो गया और उनके पिता भाई की मृत्यु हो गयी तब से इनके पिता ये सब काम छोड़ दिया।
इसके बाद अल्फ्रेड ने नहीं रुके और शहर के बाहर एक न्या लैब बनाया और नईट्रोग्लेसिऋण को सुरक्षित बंनाने के लिए सिद्दत से मेहनत करने लगे और कई साल काम करने के वाद उन्होंने उसे सुरक्षित बनाने का खोज कर ही लिया ,और इस खोज का पेटेंट उन्होंने डाइनामाइट नाम से किया। और इस डाइनामाइट की मांग पूरी दुनिया में होने लगी। उसके बाद अल्फ्रेड ने अपने इस बिस्फोटक की कंपनी लगभग 20 देशो में खोल दिया।
अल्फ्रेड नोबेल का जीवन परिचय
इस अविष्कार से पहारो और पत्थरो को तोड़ने में आसानी होने लगी साथ ही साथ इस डाइनामाइट का गलत इस्तेमाल होने लगा इसे यौद्ध में भी इस्ते,माल किया जाने लगा जिसे कई लोगो को जान गवानी पड़ी। तब लोगो के द्वारा इसे जानलेवा और खतरनाक अविष्कार बताया जाने लगा और इसका पूरा आरोप अल्फ्रेड पर ही लगाया गया। लोग उन्हें मौत का सौदागर कहने लगे इससे अल्फ्रेड को बहुत दुःख हुआ क्योकि उन्होंने ये अविष्कार अच्छे कामो के लिए किया था।
अल्फ्रेड बदनामी के साथ नहीं मरना चाहते थे उन्होंने लोगो को मद्दद करनी सुरु कर दी और अपनी पूरी सम्पति उन लोगो को पुरस्कार में दे दिया जो लोग अपने देश और समाज के लिए अच्छे काम करते थे 10 दिसम्बर 1896 को उनका निधन हो गया। और उनके द्वारा दान किये गए इन सम्पति को 10 दिसम्बर को लोगो लो नॉवेल पुरस्कार दिया जाता है जो लोग देश और दुनिया के लिए प्रगति और शांति का काम करते हैं और आज लोग उन्हें महान वैज्ञानिक और समाज सेवक के रूप में याद किया करते हैं।
Alfred Nobel के 30 अनमोल वचन | Alfred Nobel quotes in Hindi
अगर मेरे पास एक हजार विचार हैं और केवल एक ही अच्छा निकला, तो मैं संतुष्ट हूं।
घर वह है जहां मैं काम करता हूं, और मैं हर जगह काम करता हूं।
कल्पना में ही न्याय मिलना चाहिए।
संतोष ही वास्तविक धन है।
किताबों और स्याही के बिना एक वैरागी जीवन में पहले से ही एक मरा हुआ आदमी है।
सच्चा आदमी आमतौर पर झूठा होता है।
मैं अपनी मृत्यु के बाद शांति के विचार को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कोष छोड़ने का इरादा रखता हूं, लेकिन मुझे इसके परिणामों पर संदेह है।
दिल को प्यार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, पेट को अनुनय द्वारा भोजन पचाने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
कृषि के बाद दूसरा, हंबग हमारे युग का सबसे बड़ा उद्योग है।
मैंने पहली बार नाइट्रोग्लिसरीन को क्रीमिया युद्ध की शुरुआत में देखा था। सेंट पीटर्सबर्ग में प्रोफेसर ज़िनिन ने मेरे पिता और मुझे कुछ दिखाया, और कुछ को निहाई पर मारा, यह दिखाने के लिए कि हथौड़े से छुआ हुआ हिस्सा बिना फैले फट गया।
यह सामान्य तरीके से समाप्त हो सकता है,
और वैवाहिक जीवन के सुख-दुख लाए;
लेकिन ‘दो ऐसे नहीं ठहराया गया: एक और दूल्हा’
मजबूत दावे थे – उसने अपनी कब्र पर शादी कर ली है।
प्रकृति मनुष्य की शिक्षिका है। वह अपने खजाने को उसकी खोज के लिए खोलती है, उसकी आंखें खोलती है, उसके दिमाग को रोशन करती है, और उसके दिल को शुद्ध करती है; एक प्रभाव उसके अस्तित्व के सभी स्थलों और ध्वनियों से सांस लेता है।
alfred nobel famous quotes in hindi
मेरा घर वह है जहां मैं काम करता हूं, और मैं हर जगह काम करता हूं।
सम्मान पाने के लिए सम्मान के योग्य होना ही काफी नहीं है।
वकीलों को जीवन यापन करना होता है, और ऐसा केवल लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए किया जा सकता है कि एक सीधी रेखा टेढ़ी होती है।
एकमात्र सच्चा समाधान एक सम्मेलन होगा जिसके तहत सभी सरकारें सामूहिक रूप से किसी भी देश की रक्षा करने के लिए बाध्य होंगी जिस पर हमला किया गया था।