Poem on Indian Army- इस पोस्ट में भारतीय सेना पर बेहतरीन कविता लिखा गया है -Hindi Kavita on Indian Army-सैनिक पर कविता, वीर जवान,-Poem on Kargil Diwas-Bhartiya Sainik Par Kavita,-फौजी पर एक छोटी सी कविता-भारतीय सेना पर कविता हिंदी में-Motivational Poem INDIAN ARMY
Bhartiya Sainik Par Kavita
खड़ा है सीना तान वंहा
मामूली नहीं होती बात जहां
दुश्मनो से हिफाज़त करता है फौजी
देश के लिए जान भी देता है फौजी
तो क्यों बुलाये जाते हैं उद्घाटनों में नेताओ को
लड़ता लड़ता एक दिन स्वंम यमराज आते हैं
और कहते हैं की चल मेरे लाल गर्व है मुझे
फौजी की माँ सहमी होती है
पत्नी रोती रहती है पर गर्भ में
में पल रहा बच्चा न रोता है
कहता है अरे माँ क्यों रो रही हो
गर्व कर पापा वंहा खड़े हैं
ज़हाँ बड़े बड़े लोग न खड़े हो वंहा
सांन से मष्तक उठा के माँ
पापा को अलविदा कर माँ
सत्रु सिमा लांघ न जाए ,
खड़े रहे चट्टानों से
देश भक्ति क्या होती है
तुम पूछो ज़रा जवानो से।
शीश झुकाया नहीं भले ही
अपने ही प्राण गवायें हैं
भरा पड़ा इतिहास हमारा
वीरो के वलिदानो से
धुल छटाई वैरी को जब
उसने आँख उठाई है
भारत की सेना के रूप में
उसकी मृत्यु आयी है
मार भगाया है दुश्मन को
सड़े आम मैदानों से
भरा पड़ा इतिहास हमारा
वीरो के वलिदानो से ,
वीर सपूतो की गाथा
सारा भारत ही गाता है
देख का इनका ज़ज़्वा
दुश्मन भी थर -थर थर्राता है
करते हैं रक्षा ये हमारी
आतंकी सैतानो से
भरा पड़ा इतिहास हमारा
वीरो के वलिदानो से ,
मिलती है वर्दी इसको
वो किस्मत वाले होते हैं
उनके होने से ही हम
रातो को चैन से सोते हैं
रहे सलामत वीर हमारे
निकले दुआ जवानो से
भरा पड़ा इतिहास हमारा
वीरो के वलिदानो से
सत्रु सिमा लांघ न जाए ,
खड़े रहे चट्टानों से
देश भक्ति क्या होती है
तुम पूछो ज़रा जवानो से।
-संदीप कुमार-
फौजी पर कविता
15 अगस्त देश का शान है
यह मेरे देश का अभिमान है
गर्व होता है इस दिन पर मुझे
यही मेरी आन यही मेरी पहचान है
देश की आज़ादी के लिए
शहीदों ने प्राण गवाए
उन शहीदों की शहादत का
15 अगस्त सम्मान है
न भूलना कभी इस दिन को
यह देश की पहचान है
स्वतंत्रता दिवस के नाम से
प्रसिद्ध देश की शान है।
सुरेंद्र महरा
इस देश की सेवा में
ये दिन के चारो पहर बिताते हैं
ये योद्धा मिलकर दुनिया में
भारत का मान बढ़ाते हैं
और वफ़ा सदा है देश से
चाहे लटका दो इन्हे सूली पे
हर जीत से डर चुके
यह लगाते तिलक देश की धूलि से
सर्वोच्च प्रेम ये धरती
मोहब्बत करते हिन्दुस्तान से
वो भारत माँ के सूत कहते हैं
जय हिन्द गर्व और शान से
Poem on Indian Army
जाओ गाओ देहात या शहरो में
नदियां तालाब या नहरों में
चाहे खेतो की हरयाली हो
फिर ईद हो चाहे दिवाली हो
ऊँचा पल पर्वत झरने हो
सड़को पे जन के दरने हो
कश्मीर से कन्या कुमारी हो
संस्कृति हर राज्य की प्यारी हो
सब धर्मो का करते आदर
जिन्हे प्यार हर एक इंसान से
वो भारत माँ के सूत कहते हैं
जय हिन्द गर्व और शान से
best Poem on Indian Army in hindi
जब राष्ट्र वाद की बात कृरु
तो देश के वीरो को है नमन
जिन्हे फिक्र न अपने साँसों की
पर मकसद उनका चैन अमन
जिनके जीवन का हर छन
भारत माता पर कुर्वान है
जो वीर बढ़ाते गौरव इस भूमि का
वही महान हैं
जिनके लिए राष्ट्र है सर्वोपरि
दिल धरके देश के नाम से
वो भारत माँ के सूत कहते हैं
जय हिन्द गर्व और शान से ,
Poem on Indian Army
मैं भारत की वासी
हिमालय की गॉद में रहता हु
भारत है प्राण भारत है शान
जय हिन्द गर्व से कहता हु
ये भूमि जिसने पाले सूत
जो डरे नहीं कुर्वानी से
सड़े आँखों पर आदर्श रखे
गीता कुरान गुरवाणी के
जो चले जा रहे देश प्रेम में
कदम नहीं रुकने दूंगा
मैं देश नहीं झुकने दूंगा
चल पड़ा हु लड़ने देश के लिए जंग
माँ तू दिल में होगी हर पल मेरे संग
जब खून की होली सरहद पर खेली जायेगी
पापा तब आपकी प्यार वाली डाँट याद आएगी
भूल कर सब जुंग के लिए मैं तैयार हो जाऊंगा
बहन पर तेरे किये हर वादा मैं निभाउंगा
पता नहीं मुझको की क्या लिखा ज़िंदगी के पल
प्रिय रहोगी दिल में तू मेरे हर पल
चली जायेगी अगर वंहा वतन केलिए मेरी जान
बच्चो तुम बनाये रखना सदैव घर का मान
भारत माँ के पुत्र होने का फर्ज बखूबी निभाउंगा
चलकर न तो सही तिरंगे में
लिपट कर वापस ज़रूर आऊंगा
Motivational Poem INDIAN ARMY
चटानो पर खड़ा है रहता जो खुद बनकर चट्टान
देश की खातिर मरने वाला वह है अपना वीर जवान
सर्दी गर्मी और वारिश का असर नहीं उसपर होता
सीमाओं की रक्षा करता नहीं रात को वो सोता
जिसके कारण हम है सोते बिस्तर में चादर को तान
देश की खातिर मरने वाला वह है अपना वीर जवान
मात्र भूमि के रक्षा के प्रण करके रन में उत्तर पड़े
भारत माँ की लाज बचाने प्राण तजे और युद्ध लड़े ,
रन भूमि में लड़ते लड़ते दे देता है अपनी जान
देश की खातिर मरने वाला वह है अपनी वीर जवान
घर से अपने दूर है रहता त्योहारो पर ना आता
जिसने भारत माँ से जोड़ा है अपना सच्चा नाता
युद्ध भूमि में प्राण गवाने में जो समझे अपनी शान
देश के खातिर मरने वाला वह है वीर जवान
जिसके सौरी पराक्रम का माँ भारती करती है गुणगान
पुरे देश का बच्चा बच्चा करता है जिसका सम्मान
सदियां दोहराती है जिसके सौर्य पराक्रम का गुणगान
देश के खातिर मरने वाला वह है वीर जवान ,
Poem on Kargil Diwas
न किसी से कम है
भारत माँ के वीर जवान
दिल में हमेशा बसे तिरंगा
लिखा है जीवन देश के नाम
खड़े हैं सिमा पर
बनकर एकदम चटान
रोक न पायेगा कोई इनको
चाहे आये आंधी या फिर हो तूफ़ान
गर्व ही इनकी काफी है
सत्रु का दिल थर्राने को
आज़ादी के वीर सिपाही
है तैयार मर मिटने को
भारत माँ के बेटे इनकी
आवाज़ शेर की दहाड़ है
आंच न आने देंगे देश पे
देखो यंहा पर खड़े बनके चट्टान है
बात हो जब देश की गौरव की
चलते बनकर तूफ़ान है
बरसती है इनकी बंदूक से बिजली
लहू खौलता सैलाव है
हर जवान की ये आवाज़ है
भारत देश ये मेरा मुझको
अपनी जान से प्यारा है
देश मेरे तू हमारी आन बान है
तुझ पर मर मिटना हमारी शान है
जब भी हो जन्म यंहा पर
हर साँस -ए वतन तुझ पर कुर्वान है
आर्मी स्टेटस हिंदी
अंत का पता नहीं
पर जीत नजदीक है
मौत का भय नहीं
यह जीत का संगीत है
यह एक जोश है
नया आक्रोश है।
ना जान का अवधान है
न जीत का प्रावधान है
सत्रु में संत्रास है
जीत का यह रास है
हार का इरादा नहीं
जीत का ये लक्ष्य है
जीत का राग है
नया उन्माद है
जीत एक संघर्ष है
एक नया हर्ष है
Indian Army Par Kavita
मेरा भी घर बार था मेरा भी परिवार था
मेरे भी कई सपने थे मेरे भी कई अपने थे।
मेरी भी एक जवानी थी मेरी भी एक कहानी थी ,
मस्त मौला जीना मैं भी बहुत चाहता था
लेकिन देश के लिए कुछ करने का
जज्वा मेरा कुछ ज्यादा था ,
फिर एकदिन अचानक से घर पर
मेरी एक चिट्ठी आयी
कुछ रोज बार वो मुझे माँ से दूर खींच लायी
फिर मैं बना ऑफिसर और ठाट वात बहुत आयी
लेकिन सरहद पर रहकर माँ की याद भी बहुत सतायी ,
नौ नौ महीने रहकर दूर आँशु भी आते थे
लेकिन पचास डिग्री की गर्मी में
वो भी सुख जाते थे घर पर लौटा तो
माँ मुझे देख रो पड़ी
न जाने मेरी नन्ही सी जान कब बड़ी हो गयी
बीबी मुझे देख थोड़ी सी सरमायी थी
जब जब मैं सरहद पर जाता वो बहुत घबराई थी
माँ के लिए मेरी मैं सबसे प्यारा उसका बेटा था
अपनी आँख बंद किये मैं उसकी गोद में लेटा था ,
फिर अचानक उस वक्त एक सन्देश आया था ,
सारे सैनिको को सरहद पर बुलाया था ,
निकलते वक्त पीछे से एक आवाज़ आयी
नन्ही सी जान ने पापा कहके आवाज़ लगाई।
रस्ते भर सोचा मैंने क्या मैं वापस आऊंगा।
और बिना सुने पापा फिर तिरंगे में लिपट जाऊंगा।
जब पंहुचा सरहद पर तो दुश्मनो ने हमला किया था।
लेकिन मैंने भी उनको ईट का जबाब पत्थर से दिया था ,
जुंग जितने की खुसी पूरा देश मना रहा था ,
और टाइगर हिल पर मेरा तिरंगा लहरा रहा था ,
जंग के दौरान कुछ गोलियां मुझको चीर गयी थी ,
मेरी माँ बीबी और बेटी मेरा इंतज़ार कर रही थी।
heart touching poem on Indian army soldiers in hindi
मैं वो फौजी हु जिसने माथे पर कफ़न सजाया है ,
मैं वो बेटा हु जिसने माटी से कर्ज उठाया है ,
की मैं वो हु जो कर्जदार करने पर आया है
हनुमान के जैसा सीना चीर दिखाया है ,
मैं राम भूमि का बानर मगरमच्छ से नहीं डरता
मौत मेरी दुल्हन है मैं गले लगने से नहीं डरता।
तेरी बहादुरी की कीमत बस मेरी एक दहाड़ है।
फिर तू भाग खड़े होने में कुछ भी देर नहीं लेता।
साँसों की माला चाहे बिखड़े मन की मनको में
झुकेगा नहीं माटी का तिनका कभी कदमो में ,
सेना का सम्मान करो तुम
सेना पर अभीमान करो तुम
इनके लड़ जाने से ज़िंदा हो तुम
इनके मर जाने से ज़िंदा हो तुम
बस इतना ये है फर्ज तुम्हारा
पहले इनका गुणगान करो तुम।
नेता अभिनेता के माननेवाले तुम
नेता के पूजा करनेवाले तुम
खुद की झोली भरनेवाले को माननेवाले तुम
तुम जियो ये सोचकर की खुद की झूली लुटा गया ,
तुम्हे प्यार करने वाला वो बिना बताये चला गया ,
पहले उसका सम्मान करो तुम
पहले उसका गुणगान करो तुम
मन की सरहद पर जाना जिगरा जिगरा की बात सही
मातृभूमि का कर्ज चुकाना सबके बस की बात नहीं ,
हम थोड़ा भी सम्मान दे सके इतनी भी विसात नहीं
कुछ ऐसे भी हैं सरमाते हैं सेना के सम्मान में
कुछ ऐसे भी हैं कर जाते हैं सेना को बदनाम में
एक ऐसी भी आज़ादी है जो सेना का अपमान करे
वे भूल गए की इस मिटटी ने सेना को है जन्म दिए
वे भूल गए की इस मिटटी की उसने भी है दूध पिए
कुछ पल तो दिल से आवाज़ लो तुम
फिर सेना का सम्मान करो तुम
फिर सेना पर अभिमान करो तुम ,
सैनिक पर हिंदी की कविता शायरी
करोड़ो भारतीय की अभिमान हु मैं
वैसे तो बहुत दयावान हु मैं
पर दुश्मन की मौत का सामान हु मैं
माँ भारती की रक्षा में प्राण न्योछाव करता
देश का वीर जवान हु मैं
एक माँ से दूर हु तो एक माँ के पास हु मैं
अपने देश की रहने की आस हु मैं।
दुश्मन के दिल में भरता नाश हु मैं
दुश्मन के बिफल करता हर प्रयाश हु मैं
हर एक भारतवासी का अखंड प्रयाश हु मैं
बस तू रो मत माँ दूर रहकर भी तेरे पास हु मैं
जानता हु तेरे लिए सबसे ख़ास हु मैं
माँ बस उदास न हो मैं वापस जरूर आऊंगा
तुझसे किया जो वादा उसे निभाउंगा
ज़िंदा न सही तिरंगा में लिपटा लाया जाऊँगा।
पर वादा है तुझसे मैं वापस ज़रूर आऊंगा।
भारत माँ के लाल हैं हम
भूखे नहीं किसी सम्मान के
मौत न जाने कहाँ से आये
हम तैयार हैं सर पर कफ़न बाँध के
और चैन से सोना मेरे देश वासियो
क्योकि तुम्हारी रक्षा के लिए कोई खड़ा है
सरहद पे सीना तान के।
कल जाती तो आज चली जाय
एक दिन जाना ही है जान
और कीरो मकोड़ो की तरह मरने से अच्छा
वतन के लिए हो जाए कुर्वान।
और जानना चाहते हो की
कितना मोहब्बत करते हैं हमारे वतन से
अरे मरते हुए भी मुँह से निकलेगा हिन्दुस्तान।
वीर सैनिक पर कविता Poem On Veer Sainik in Hindi
तुम बनो डॉक्टर इंजिनियर मैं तो
बस देश का सिपाही बनूंगा
आयी न जान लगाने के लिए मेरी जान
तेरा पागल आशिक़ फौजी हँसते हुए जान गवायेगा
कभी याद करके देख लेना उन वीरो को भी
जो सरहद पर गोली खाकर ही
हिफाज़त करते हैं मुल्क की।
खड़ा है जो सरहद पर
मातृभूमि का कर्ज चुकाने
लेकर लहू का कतरा कतरा
चटानो सा सीने तान
भारत के है वो वीर जवान
भारत के है वो वीर जवान
देश की रक्षा सीने में
बेखौब फौलादी जीने में
दुश्मन को है वो धुल चटाते
देकर अपना सच्चा बलिदान
भारत का है वो वीर जवान
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