Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj quotes-इस पोस्ट में पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज के अनमोल विचार विचार शेयर किया गया है -Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj quotes-Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj motivational quotes in hindi
पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज के प्रेरणादायक अनमोल विचार
सभी समस्याओ से सुलझने का एक मात्रा उपाय है प्रभु को अपना वास्तविक मान लो ,उनकी जगह पर किसी को मत बैठा लो
मनुष्य जीवन सत्य मार्ग के लिए है अच्छे बनो माँ बाप की सेवा क्यों बीमारों का सेवा करो जरूरत मंद का मद्दद करो यही मनुष्य जीवन है।
बाबाजी बन जाना आसान है लेकिन उनके मार्ग पर चलना कठिन है।
स्वामी मुकुंदानन्द के अनमोल विचार।
गौर गोपाल दास जी के प्रेरक विचार।
चमड़े का बेल्ट और चमड़े का जूता पहनने वाला को गौ हत्या का पाप लगता है।
हमे सच्चा प्रेम प्रभु से प्राप्त होता है किसी व्यक्ति से क्या होगा कोई व्यक्ति हमसे प्यार कर ही नहीं सकता क्योकि वो हमे जानता ही नहीं तो कैसे करेगा।
मेरा एक मात्रा साथी गुरु प्रदत्त नाम और मंत्र है।
प्रभु का नाम जप संख्या से नहीं डूब कर करो।
ब्रह्मचर्य की रक्षा करें ब्रह्मचर्य बहुत बड़ा अमृत तत्व है ,मूर्खता के कारण लोग इसे ध्यान नहीं देते हैं।
प्रभु श्री हरि का जप करो सभी विप्पत्तियो से छुटकारा मिल जायेगा
Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj quotes in hindi
कोन क्या कर रहा है इसपर ध्यान मत दो केवल हमे सुधरना है इसपर ध्यान दो।
प्रातः काल जब उठे तो गुरुदेव को प्रणाम करके निश्चय करें की आज हम पूरा का पूरा समय आराध्य देव में लगाने की पूरा का पूरा चेस्टा करेंगे।
जो ह्री का भक्त होता है उसे हमेशा जय की प्राप्ति होती है ,उसे कोई परास्त नहीं कर सकता।
अगर हमको अपने मन को सांत करना है मन को इस्थिर करना है तो एक उपाय है प्रभु के चरणों का दृढ़ता पूर्वक आश्रय और नाम जप करे।
जिनके मुख में प्रभु का नाम नहीं है ,वह भले ही जीवित है लेकिन मुख से मरा हुआ है।
प्रभु के मार्ग पर चलने वाला कभी अगमल नहीं हो सकता।
घबराओ मत गिर जाना भी यंहा दौरना है हजार बार गिरो फिर भी आगे बढ़ो।
जो स्त्री अपने पति को धोखा देकर गैर मर्द के साथ सम्बन्ध बनाती है वह सीधे नर्क को जाती है।
पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज के ब्रह्मचर्य होने का अनमोल विचार
प्रभु के अधीनता से मुक्त हुए परमात्म तत्व का अनुभव नहीं होता और परमात्म तत्व का अनुभव होने पर प्रकृति का अस्तित्व ही नहीं रहता।
इतना सामर्थ किसी तीर्थ में किसी पर्व में किसी भी महामोत्सव में नहीं है जितना प्रभु के नाम में ही इसलिए प्रभु के नाम में डूब जाओ।
इस शरीर संसार में किसी की सामर्थ नहीं है की वो आपको पकड़ सके आप ही पकड़ रखे हैं,और आपको ही छोड़ना होगा।
भले ही आज आपके पास संपत्ति नहीं है लेकिन आप भगवान् पे आश्रित हैं तो आपके पास वो सम्पति आएगी जो संपत्ति कभी नष्ट नहीं होगी।
मन को वस में करना हो तो नाम जप कीजिये
एक एक नाम के जप का मतलब है हम प्रभु के समीप पहुंच रहे हैं।
सबको सिद्धि की प्राप्ति नाम से ही हुयी है।
बिना प्रभु का भजन किये सुख नहीं मिल सकता स्वप्न में भी शांति नहीं मिल सकती।