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anand kumar super30

anand kumar super30 ki kahani आनंद कुमार के शुरुआती जीवन |

anand kumar super30 ki kahani

दोस्तों भारत एक ऐसा देश है जिसमे गरीब छात्रों के लिए शिक्षा प्राप्त करना कभी भी आसान नहीं रहा है हमारे देश यानि भारत  शिक्षा को ज्ञान के  नजरिये से कम व्यापार के नजरिये से ज़्यादा देखा जाता है और इसी वजह से आज कोचिंग स्कूल चलाने वाले लोग करोड़पति  चुके हैं  लेकिन आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो शिक्षा  अस्तित्व को जीवित  रखे हैं आज हम एक ऐसे ही इंसान के बारे में जानेगे जो अपनी गरीबी के कारन अच्छे स्कुल में  ही नहीं केम्ब्रिज जैसे बड़े यूनिवर्सिटी से ऑफर आने के बाद भी पैसा के आभाव में नहीं पढ़ सके और ये घटना उन्होंने दूसरे गरीब होनहार स्टूडेंट के साथ नहीं होने  दिया ये कोई और नहीं super 30 के   संचालक आनंद कुमार की कहानी है जिन्होंने 450 से अधिक गरीब स्टूडेंट को जिन्हे रहने की तो क्या खाने के  पैसे नहीं थे  उन्हें अपने घर पर फ्री में खाना पीना के साथ पढ़ाया और  IIT  में दाखिला करवा दिया आज हम उन्ही के जीवन की कहानी  जानेगे। 

    आनंद कुमार के शुरुआती जीवन –                                                

                                                            आनंद कुमार का जन्म 1 जनवरी 1973 को बिहार के पटना शहर  था उनके पिता पोस्ट ऑफिस में कलर्क की नौकरी करते थे और उनकी माँ एक गृहणी थी आनंद कुमार के पिता बहुत छोटी नौकरी  जिसके वजह से घर की इस्थिति बहुत ख़राब थी उन्हें बचपन से ही बहुत कठनाईयो सामना करना पड़ा था घर की आर्थिक इस्थिति ख़राब होने के कारन हो कभी भी प्राइवेट स्कूल नहीं जा सके वो शुरू से ही पटना के  सरकारी स्कूल में ही पढ़ाई किये। 

वो पढ़ाई में शुरू से ही MATH subject के बहुत अच्छे स्टूडेंट रहे उन्होंने आगे की college  शिक्षा पटना यूनिवर्सिटी से ही किये पढ़ाई ख़त्म होने के वाद आनंद अपने परिवार वालो पर आर्थिक दबाब  बनना चाहते थे 

1992 में आनंद कुमार ने किराये पर एक छोटा सा कमरा लेकर के खुद की कोचीन ramanujan ऑफ़ mathmatics की  उन्होंने शुरुआत 2 बच्चे  को पढ़ाने से ही किये लेकिन उनके काबिलियत के वजह से विद्यार्थियों की संख्या 500 से अधिक हो गया वैसे तो उस समय उनकी जीवन ठीक ठाक चल रहा था लेकिन 3 अगस्त 1994 को उनके पिता का देहांत हो गया ये घटना उनके पुरे परिवार को हिलाकर रख दिया उसी बिच उन्हें केम्ब्रिज में एड्मिशन भी हो गया लेकिन उनके पास केम्ब्रिज जाने के लिए हवाई जहाज के भाड़े नहीं थे जिसके वजह से  केम्ब्रिज नहीं जा सके उनके पिता पोस्ट ऑफिस में नौकरी करते थे और पिता के मृत्यु के बाद उन्हें अनुकम्पा के आधार पर नौकरी भी मिल रहा था लेकिन आनंद कुमार को कुछ बड़ा करने का सपने को लेकर वो दुःख के साथ समझोता नहीं किये 

एक समय आनंद कुमार की घर की आर्थिक इस्थिति इतनी ख़राब हो गयी थी की उन्हें अपने माँ के द्वारा बनाये गए पापड़ घर घर जाकर बेचते थे। 

सन 2000 में आनंद कुमार के पास एक ऐसा स्टूडेंट अपना  पढ़ाई का गुहार लेकर आया जो बहुत ही गरीब था उनके पास कुछ भी पैसे नहीं  वो IIT में दाखिल होने  के लिए इंट्रेंस एग्जाम  तैयारी करना चाहता था इसी घटना के बाद आनंद कुमार को उनके बचपन याद आ गयी  और गरीब बच्चो के लिए आनंद कुमार के दिमाग में super 30 का आयिडिया आया जिसमे उन्होंने ३० ऐसे स्टूडेंट को पढना चाहते थे जिसके पास जज्बा हो लेकिन पैसे नहीं हो उन्हें वो मुफ्त में पढ़ाना चाहते  

anand kumar super 30 ki kahani

SUPER 30 की कहानी –

2002 में आनंद कुमार ने कुछ पैसे जमा करने के बाद ये प्रोग्राम शुरू कर दिए दरअसल super 30 एक ऐसा प्रोग्राम है जिसके लिए साल के मई महीने में एक एंट्रेंस टेस्ट होता है जो रामानुजन स्कूल ऑफ़ mathmatics  के द्वारा ही गरीब बच्चो के लिए करवाया जाता है फिर इसी टेस्ट के रिजल्ट के हिसाब से ही गरीब बच्चो को इस प्रोग्राम के द्वारा चुन लिया जाता है यहां आनंद उन बच्चो को पढ़ाने के साथ साथ रहने और खाने का भी पूरा इंतजाम  करते हैं जहाँ आनंद कुमार की माँ बच्चो के लिए खाना बनाती है और उनके भाई पुरे मैनेजमेंट सँभालते हैं 

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इस प्रोग्राम को पॉपुलर होने के बाद कई प्राइवेट संस्था ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाये लेकिन आनंद कुमार ने कभी भी किसी की हेल्प नहीं ली  इस प्रोग्राम का पूरा खर्चा आनंद कुमार के रामानुजन institute के द्वारा ही उठाया जाता है आज सुपर 30 भारत में ही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में जाना जाता है 

SUPER 30 से साल में कम से कम 28 स्टूडेंट IIT में दाखिला ले लेते है कभी 30 के 30 स्टूडेंट का भी IIT में हो गया है। 

इस लोकप्रियता को देखते हुए DISCOVERY चैनल ने सुपर 30 के ऊपर 3 घंटा लम्बा डोक्युमेंट्री दिया। 

और न्यूयोर्क टाइम्स जैसे कई अलग अलग अखवारो में भी SUPER 30 के न्यूज़ छापे जा चुके हैं 

आनंद कुमार के बारे में महत्वपूर्ण  तथ्य –

आनंद कुमार देश भर के IIM और IIT में लेक्चर देने के अलावा यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्रिटिश कोलंबिया ,टोकियो यूनिवर्सिटी ,और स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी जैसे बड़े जगहों पर भी लेक्चर दे चुके हैं। 

आनंद कुमार के बारे में लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में भी दर्ज है 

आनंद कुमार ग्लोबल एजुकेशन अवार्ड के अलावा कई बड़े बड़े अवार्ड से नवाजे गए हैं। 

2002 लेकर अभी तक 450 से अधिक स्टूडेंड आनंद कुमार के SUPER 30 के द्वारा IIT में दाखिल हो चुके हैं। 

आनंद कुमार के ज़िंदगी से INSPIRE होकर  एक फिल्म भी बना है जिस फिल्म का नाम है सुपर 30 जिसमे ऋतिक रौशन आनंद कुमार  किरदार को निभा रहे हैं। 

तो दोस्तों हमारे देश कोई आनंद सर कई ऐसे और शिक्षक की जरुरत है किए लगा उनके जीवन और SUPER 30 के बारे में जानकर कमेंट करके जरूर बताये

-धन्यवाद –

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