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Desh Bhakti Shayari in Hindi

Best 100+ Desh Bhakti Shayari in Hindi (2024) | देशभक्ति पर बेहतरीन शायरी।

Desh Bhakti Shayari in Hindi -इस पोस्ट में बेहतरीन देशभक्ति शायरी शेयर किया गया है -100+ Desh Bhakti Shayari in Hindi-गणतंत्र दिवस 26 जनवरी Deshbhakti shayari in Hindi-Watan Shayari in hindi-देशभक्ति पर बेहतरीन शायरी-15 अगस्त पर शायरी -जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी।

गणतंत्र दिवस शायरी | Desh Bhakti Shayar in Hindi

जो भरा नहीं है भावो से
बहती जिसमे रसधार नहीं
वो ह्रदय नहीं वो पत्थर है
जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं।

किसी से भीख नहीं मांगी हमने
अपने आजुओ पर तरंगा लहराया हैं ,
हमारी खुद्दारी क्या पूछोगे
मौत सामने थी हमने फिर भी
दुश्मनो को पानी पिलाया।

मैं अपने भारत का हरदम सम्मान करता हु ,
यंहा की चांदनी मिटटी का ही गुणगान करता हु
मुझे चिंता नहीं स्वर्ग में जाकर मोक्ष पाने की
तिरंगा हो कफ़न बस रही अरमान रखता हु।

ये बात हवा को बताये रखना
रौशनी होगी चरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी इफ़ाज़त हमने की
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना।

मुझे न तन चाहिए न धन चाहिए
बस अमन से भरा यह बतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहु इस मातृ भूमि के लिए
और जब मरू तो तिरंगा कफ़न चाहिए।

हजारो गम है फिर भी ख़ुशी से फूल जाता हु
जब हंसती है मेरी माँ तो हर गम भूल जाता हु।

क्यों मरते हो सनम वेवफा के लिए
मरते हो तो मरो बटन के लिए
दो गज ज़मीं नसीब नहीं होगी तुम्हारी दफ़न के लिए ,
लड़किया भी दुपट्टा उतार देगी तुम्हारे कफ़न के लिए

New Desh Bhakti Shayari 2022

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोड़ कितना बाजुए का तिलम है।

खास मेरी ज़िंदगी में सरहद की कोई शाम आये
मेरे ज़िंदगी मेरे बतन के काम आये।

मेरे देश की फौजी जैसा दुनिया में कोई जवान नहीं ,
सांसे सरहदों पर गिरवी है उसकी गिरवी उसकी ईमान नहीं।
ये धरती जिसकी माँ है और आसमान जिसका बाप
ये देश जिसका परिवार है उसकी मैं कहानी हु।

चलो फिर से खुद को जलाते हैं
अनुसासन का डंडा फिर से घुमाते हैं
सुनहरा रंग है गणतंत्र के शहीदों से
ऐसे शहीदों से हम सर झुकाते हैं।

मेरे मुँह में तेरा नाम आ जाय
मेरे हर एक खून का कतरा तेरे काम आ जाय
कैसा नशा है तेरा इस जैकारे में
जैकारा सुनके मुर्दे में भी जान आ जाय।

मैं वो चिराग हु जो तूफ़ान से चलता हु
अपने वतन के खातिर सीना तान के चलता हु।
मुझे क्या मारेंगे ए मेरे दुश्मन
मैं वसा के सीने में हिन्दुस्तान चलता हु।

मैं इसका हनुमान हु ये देश मेरा राम है
चाहे तो सीना चीड़ के देख लो
अंदर बैठा हिन्दुस्तान है।

फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए
जुंग हो इस इसक हो भरपूर होना चाहिए।

15 अगस्त पर शायरी ( Desh Bhakti Shayari 2022)

बच के रहना बेटे क्योकि ये है
आज का हिन्दुस्तान ,
तू तिनका है और ये है तूफ़ान
न देख बुरी नजर से मेरे वतन की तरफ
वार्ना लाशे दफ़न करने के लिए कम
पड़ जाएंगे कब्रिस्तान।

यंहा गली गली में वीर मिलते हैं
ये देश वीरो का खजाना है
यंहा का बच्चा बच्चा अपने वतन का दीवाना है।
बाप के शहीद हुए एक साल भी नहीं गुजरता
और बेटा कहता माँ मुझे भी आर्मी में जाना है।

मैं अपने वतन की रक्षा कर सकू
मुझे इस काविल बना देना
अगर मैं सहीद हो जाऊं तो मुझे सांन से
इस पवित्र मिटटी में मिला देना।

मुझसे पूछा गया तेरी जात क्या है
मैंने कहा अपनी मिटटी का एक निशानी है
अपने आप को किसी जात का बताने से पहले
मैं एक हिन्दुस्तानी हु।

गीले चावल में शक्कर क्या गिरी
तुम भिखाड़ी खीर समझ बैठे
चाँद कुत्तो पकिस्तान जिन्दावाद क्या बोला
तुम कश्मीर को अपने बाप की जागीर समझ बैठे।

आर्मी के लिए सायरी

प्यार हो या जुंग यंहा होती है ईमान से
कुछ भी प्यारा नहीं है हमे हमारा स्वाभिमान से
अगर फिर भी मोहब्बत न हो जान से
तो फिर भी टकराना हिन्दुस्तान से।

मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा
ये मुल्क मेरी जान है
इसकी रक्षा के लिए मेरा दिल
और जान कुर्वान है।

क्या फर्क पड़ता है सरहद पे तो
जवान रोज मरते हैं
अरे वो मरते हैं तभी तो हम
यंहा मौज करते हैं।

Watan Shayari in hindi

जब मैं मरू तो इसी मिटटी में मिला
देना मेरी राख को अपने सीने में
दबा बैठा हु देश के लिए कुछ कर
गुजरने की आग को

पूरी न होगी हमे मिटाने की हसरत है तुम्हारी ,
फौलाद ही फौलाद भरा है हमारे सीने में
देश के दुश्मनो को जब तक जहनुम ने न पंहुचा दू
तो क्या मजा है इस देश के लिए जीने में ,

मैं हिन्दुस्तानी हु तुझे बताऊँ क्या
क्या कर सकता हु करके दिखाऊं क्या
तू गलती से नजर मेरे देश पर न लगाना
वरना तिरंगा तेरे छाती पर फहराएंगे।
बोल फहरा के बताऊँ क्या।

चलो आज फिरसे वो नजारा याद करलें
शहीदो के दिल में थी जो ज्वाला उसे याद कर ले
जिस कस्ती में सवार होक आज़ादी पहुंची थी किनारे पे
उन देश भक्तो की खून की वो विरल धारा याद कर लें।

ये सिर्फ तीन रंग नहीं है देश की शान है
ये तिरंगा हमारे देश की स्वाभिमान है
यही है गंगा यही हिमालय यही हमारी जान है
तीन रंगो में रंगा ये प्यारा अपना हिन्दुस्तान है।

कोई कहता है हिन्दू खतरे में है
कोई कहता है मुसलमान खतरे में है
जड़ा धर्म के चस्मा उतार के देखो यारों
पुरे हिन्दुस्तान खतरे में है।

कोई हंसती कोई मस्ती कोई चाह पे मरता है
कोई नफरत कोई मोहब्बत कोई लगाओ पे मरता है
ये देश है उन जवानो का जहाँ हर बच्चा
अपने हिन्दुस्तान पे मरता है।

ये न मुमकिन है की सर झुका लेंगे
हर दर्द को अपने दिल में दबा लेंगे
दुश्मनो ने कोशिश की अगर भारत को छूने की
तो हिन्दुस्तान का हर बच्चा हथियार उठा लेंगे।

वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे हैं ,
मरेंगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी Deshbhakti shayari in Hindi

दर्द सहने की आदत अब आ चुकी है
नई प्रगति और क्रांति अब आ चुकी है
तिरंगा हाथ में उठा खड़े हो चलो दोस्तों
आज़ादी की ख़ुशी मनाने की वो घडी आ चुकी है।

आज़ादी की सुलगी चिंगारी मेरे जश्न में है
ज्वालायें इंकलाब की लिपटी मेरे वदन में है
अब तो मौत भी आएगी तो सह लेंगे हंस के
ख़ुशी है की मरने के वाद तिरंगा मेरे कफ़न में है।

हम अपने आज़ादी की कभी शाम न होने देंगे
अब इस सोने की चिड़ियाँ को समसान न होने देंगे
जब तक बची है एक बून्द भी लहू की मेरे रगो में
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।

तिरंगा हम सब लहरायेंगे
भक्ति का गीत सुनाएंगे
वादा करो हम सब मिलकर
इस देश को स्वर्ग बनाएंगे।

चढ़ गए हंसकर लो सूली
खायी जिन्होंने सीने पर गोली
हम उनको प्रणाम करते हैं
जो मिट गए देश पर हम उनको
सलाम करते हैं।

कभी ठण्ड में ठिठुरकर देख लेना
कभी तपती धुप में जलकर देख लेना
कैसे होती है हिफाजत मुल्क की
कभी सरहद पर खड़े जवानो
को जाकर देख लेना।

हवा को खुशबु मुबारक हो
फिजा को मौसम मुबारक हो
दिलो को प्यार मुबारक हो
आपको हमारे तरफ से स्वतंत्रता दिवस
की हार्दिक शुभकामना मुबारक हो।

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Desh Bhakti Poem in Hindi

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