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25+ best waseem barelvi shayari | वसीम बरेलवी की ये कुछ बेहतरीन शायरी।

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waseem barelvi shayari on love

मुझे शराब पिलाई गयी आँखों से ,
मेरा नशा तो हजारो वर्ष में उतरेगा।

खुवाब मिलने का कभी इसलिए पूरा न हुआ ,
जितना मैं था वो कभी उतना अकेला न हुआ।

मैं उसको आंशुओ से लिख रहा हु ,
की मेरे बाद कोई पढ़ न पाए।

वसूलो पर जहाँ आंच आये टकराना ज़रूरी है ,
और जिन्दा हो तो फिर जिंदा नज़र आना ज़रूरी है।

तेरा साथ भी छूटा तुम अजनवी भी हुए ,
मगर ज़माना तुझे अब भी मुझमे ढूंढता है।

मुझको गुनहगार कहे और सज़ा न दे ,
इतना भी इख़्तियार भी खुदा किसी को न दे।

उसको फुर्सत नहीं मिलती की पलट कर देखे ,
हम ही दीवाने हैं दीवाने बने रहते हैं।

तुम गिराने में लगे थे तुमने सोचा ही नहीं ,
मैं गिरा तो मसला बन के खड़ा हो जाऊंगा ,
मुझको चलने दो अकेला है मेरा सफर
रास्ता रोका गया तो काफिला हो जाऊंगा।

तुझे पाने की कोशिस में कुछ इतना खो चूका हु मैं।
की तू अगर मिल भी जाए तो मिलने का गम होगा।


वसीम बरेलवी के मशहूर शेर

निगाहो के तकाज़े चैन से मरने नहीं देते,
यंहा मंजर ही ऐसे हैं की दिल भरने नहीं देते।

वो झूठ बोल रहा था बड़ा सलीके से ,
मैं अतवार न करता तो और क्या करता।

खुल के मिलने का सलीका आप को आता नहीं ,
और मेरे पास कोई चोर दरवाज़ा नहीं।

फैशला हो नहीं पाया बहुत बातों के वाद ,
फोन उठता है यंहा कितनी मुलाकातों के वाद।

निगाहो में कोई दूसरा चेहरा नहीं आया ,
भरोसा ही कुछ ऐसा था तेरा लौट आने का।

अपने पुरखो के रिवायत से कहाँ भाग रहे हैं।
घर पर तेरे खतरा है तो हम जाग रहे हैं।

आसमा इतनी बुलंदी पे जो इतराता है ,
भूल जाता है ज़मी से ही नज़र आता है।

मुट्ठियों में लिए फिरते हैं नमक आज के लोग
अपने ज़ख्मो को किसी हाल दिखाया न करो।

बिछड़ जाउ तो रिस्ता तेरी यादों से जोड़ूंगा।
मुझे ज़िद है मैं जीने का कोई मौका नहीं छोडूंगा।

मशहूर शायर वसीम बरेलवी की ग़ज़लों

उतरना आसमानो से तो कुछ मुश्किल नहीं लेकिन ,
ज़मी वाले फिर मुझे ज़मी पर चलने नहीं देंगे।

मुझे ये खौफ दे मालिक मुझ ही पर है नज़र तेरी ,
बस इतना ही काफी नहीं की सज़दा कर लिया।

रूठ गयी वो तो रूठ जाने दो ,
ज़रा सी बात है बढ़ जाएगी मानाने से।

बहुत बेबाक आँखों में ताल्लुक टिक नहीं पता ,
मोहब्बत में कसीस रखने को सरमाना ज़रूरी है।

मैं अपने पाँव में ज़ंजीर डालकर खुद ही ,
ये सोचता हु की आखिर मेरी खता क्या है।

बात बढ़ जाती तो खोटा हो जाता दोनों की सफर ,
मैं ही पीछे हट गया और उसको रास्ता दे दिया।

बिछड़ जाउ तो रिस्ता फिर तेरे यादो से जोड़ूंगा ,
मुझे ज़िद है मैं जीने का कोई मौका नहीं छोडूंगा।

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