Rahat Indori Shayari in Hindi इस पोस्ट के अंदर डाक्टर रहत इंदौरी साहब जो भारत के मशहूर सायर थे जिनका कुछ बेहतरीन सायरी शेयर किया क्या है -Rahat Indori Shayari on love – 10+ Best Rahat Indori love shayari 2 line-राहत इंदौरी शायरी हिंदी 4 लाइन-राहत इंदौरी शायरी हिंदी राजनीति-राहत इंदौरी शायरी हिंदी लव।
top Rahat Indori Shayari
राज़ जो कुछ हो इसारो में बता भी देना
हाथ जब उससे मिले तो दबा भी देना।
वैसे इस खत में कोई बात नहीं है
फिर भी एहतियातन इसे पढ़ लो तो जला भी देना।
सूरज सितारे चाँद सब मेरे साथ रहे
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे।
क्या दिन दिखा रही है सियासत की धुप छाओ
जो कल सपूत थे वे कपूतो में आ गए
थे इस कदर अज़ीम की पैरो में ताज थे
इतने हुए ज़लील की जूतों में आ गए।
जाके कह दे कोई शोलो से चिंगारी से
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से।
मुद्दतो बाद यु तब्दील हुआ है मौषम
जैसे छुटकारा मिला है किसी बीमारी से।
मेरे सांसो में समाया भी बहुत लगता है
वही शख्स पराया भी बहुत लगता है
और उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है
लेकिन आने जाने में किराया भी बहुत लगता है।
फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए
जुंग हो या इसक हो भरपूर होना चाहिए ,
कट चुकी है जो हाथे पत्थर तोड़ते हुए
अब उन हाथो में कोहिनूर होना चाहिए।
राहत इंदौरी की मशहूर शायरी
सबको रुस्वा बारी बारी किया करो
हर मौषम में फतवे जारी किया करो।
रोज वही कोशिस ज़िंदा रहने की
मरने की भी कुछ तैयारी किया करो।
हम अपनी जान दुसमन को भी जान कहते हैं
मोहब्बत की इसी मिटटी को हिंदुस्तान कहतें हैं।
दो गज ही सही ये मेरे मिलकियत है
ए मेरे मौत तू मुझे ज़मीदार कर दिया।
मैंने जिस ताख पे कुछ टूटे हुए दिए रखे हैं
चाँद तारो को भी ले जाकर वहीँ रख दो।
जिस दिन से तू मुझसे रूठी ,रूठे रूठे हैं
चादर वादर तकिया वाकिया विस्तर विस्तर
मुझसे बिछड़कर वो भी कहा पहले जैसी
फीके पर गए कपडे वापरे जेवर वेवर सब।
Rahat Indori Shayari on love
साखो से टूट जाए वो पत्ते नहीं है हम
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहे।
जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो
बहरो का इलाका है जड़ा जोर से बोलो।
कहीं अकेले में मिले तो झंझोर दूंगा उसे
जहां जहां से टुटा है जोड़ दूंगा उसे।
मुझे छोड़ गया ये कमाल है उसका
इरादा मैंने किया था की छोड़ दूंगा उसे।
अपने हाथो को वो पतवार भी कर सकता है
हौसला है तो नदी पार भी कर सकता
अंधेरो चारो तरफ सायें सांये करने लगे
चराग हाथ उठाकर दुआए करने लगे।
सलीका जिनको हमने सिखाया था चलने का
वो लोग मुझे आज दांये बाएं करने लगे।
Rahat Indori Shayari हिंदी 4 लाइन
परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है
ज़मी पे बैठ के क्या आसमान देखते हो
रात की धरकन जबतक जारी रहती है
सोते नहीं हम ज़िम्मेदारी रहती है।
जबसे तुमने हल्की हल्की बातें की
यार तबियत भारी भारी रहती है।
बुलाती है मगर जाने का नहीं
ये दुनिया है इधर जाने का नहीं
मेरे बेटे किसी से इसक कर
मगर हद से गुजर जाने का नहीं।
मेरे हुजरे में नहीं और कही पर रख दो
आसमा लाये हो ले आओ ज़मी पे रख दो।
अब कहाँ ढूंढने जाओगे हमारे कातिल
अब तो क़त्ल का इल्जाम ही पर रख दो।
तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा करके
दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके
आसमानो की तरफ फेक दिया है मैंने
चंद मिटटी के चरागों को सितारा करके।
10+ Best Rahat Indori love shayari 2 line
बनके हादसा बाजार में आ जायेगा
जो नहीं हो वो अखवार में आ जायेगा।
चोर उच्चको की करो क़द्र
मालूम नहीं कौन कब कौन सी सरकार में आजयेगा।
आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा करके
मैं वो दरिया हु हर बून्द भवर हो जिसकी
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
मेरे अंदर क एक करके सबकुछ हो गया रुखसत
मगर एक चीज बांकी है जिसे ईमान कहतें हैं।
गुलाब खुवाब जहर दवा जाम क्या क्या है
मैं आ गया हु बता इंतजाम क्या क्या है।
जुर्म खुद करना इल्जाम किसी पर धरना
ये नया नुस्खा है बीमार भी कर सकता है
एक हुकूमत है इनाम भी कर सकता है
एक कलंदर है जो इंकार बह कर सकता है।
Rahat indori sad shayari 4 line
अड़े थे जिद पे की सूरज बना के छोड़ेंगे
पसीने छूट गए दिया बनाने में
मेरे निगाह में वो शख्स आदमी भी नहीं
जिसे लगा है ज़माना खुदा बनाने में।
ये ज़िंदगी सवाल थी जवाब मांगने लगे
फरिस्ते आके खाब में हिसाब मांगने लगे।
इधर करम किया किसी पे इधर जता दिया
नवाज़ पढ़के आये और सराब मांगने लगे।
आँशु ठहरा होता है जब पलकों पर
दरिया पर दहसतारी रहती है
ढूंढता फिरता है डैरो हराम में जिसको
मुंदले आँख तो दीदार भी कर सकता है
जागते रहिये जागते रहिये की आवाज़ लगाने वाला
लूटने वालो को होसियार भी कर सकता है।
तिजरातो का रंग भी इवादत में आ गया
सलाम फेरते ही हम सबाब मांगने लगे।
सब प्यासे हैं सब का अपना दरिया है बढ़िया है
हर कुल्हड़ में छोटा मोटा दरिया है बढ़िया है
best Rahat indori quotes in hindi
कभी महक की तरह हम गुलो से उड़ते हैं
कभी धूलो की तरह पर्वतो से उड़ते हैं
ये कैंचिया हमे उड़ने से ख़ाक रोकेगी
हम परो से नहीं होसलो से उड़ते हैं।
ऐसी सर्दी है की सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो प्रदेश में वो किस्से रजाई मांगे।
अपने हाकिम की फकीरी पे तरस आता है
जो गरीबो से पसीने की कमाई मांगे
अब अपने लहजे में नरमी बहुत ज्यादा है
नए बरस में नए जंग का इरादा है।
मैं लिए फिर रहा हु कंधे पर
यंहा ज़मींन की कीमत बहुत ज़्यादा है।
मेरे जुबान से परवरदिगार बोलता है
तेरी जुबान कतरना बहुत जरुरी है
तुझे मर्ज है की तू बार बार बोलता है
कुछ काम तो जैसे उसे आता ही नहीं।
मगर वो झूठ बहुत शानदार बोलता है।
जुबान तो खोल नजर तो मिला जवाब तो दे
मैं कितनी वार लुटा हु मुझे हिसाब तो दे
राहत इंदौरी देशभक्ति शायरी इन हिंदी
हमे पहचानते हो हमको हिंदुस्तान कहते हैं
जाने क्यों कुछ लोग हमे मेहमान कहतें हैं।
जो ये दिवार का सुराख है दुनिया की साजिस है
मगर हम इसे अपने घर का रोशनदान कहतें हैं।
ये जो चक्की चल रही है इसके दोनों पाठ उलटे हैं
जो बेईमान हैं वो हमको बईमान कहतें हैं।
दुनिया को सुनाई दे उसे कहतें हैं खामोसी
जो आँखों में दिखाई दे उससे तूफ़ान कहतें हैं।
ऊँचे ऊँचे दरवारो से क्या लेना
नंगे भूखे बेचारो से क्या लेना
अपना मालिक अपना खालिक अप्सर है
आती जाती सरकारों से क्या लेना।
तमाम रेशमी अज़मत अमिन मेरी है
तुम्हारे बाजु पे ये आस्तीन मेरी है
पता नहीं मेरी जागीरे क्या हुयी
लेकिन यहां मैं दफन हु इतनी ज़मीं मेरी है।
मैं अपने फूल लेकर किस इलाके में निकल आया
यंहा के लोग तरकस को भी गुलदान कहतें हैं।
नदी किनारे आ पहुंचे हैं रहबर रहबर सब
टूट चुकी जब कस्ती वस्ति लंगर वंगर सब
जिस दिन से तुम रूठी है
उस दिन से रूठे हैं चादर आदर तकिया वाकिया सब।
कस्ती तेरा नसीब चमकदार कर दिया।
इस पार के थपेड़ो ने उस पार कर दिया।
अपवाह थी की मेरी तबियत ख़राब है
लोगो ने पूछ पूछ के बीमार कर दिया।
तेरे हर बात मोहब्बत में गाबारा करके ,
दिल के बाज़ार में बैठे हैं ख़सारा करके।
एक चिंगारी नज़र आयी थी बस्ती में उसे
वो अलग हट गया आंधी को इसारा करके।
उसकी कत्थई आँखों में है जंतर मंतर सब
चाकू वाकु छुरियां उरियाँ खंजर वंजर सब।
फूलो की दुकाने खोलो खुशबु की व्यापार करो ,
इसक खता है तो ये खता एकबार नहीं बार बार करो।