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Kids Poem in Hindi

100+ Kids Poem in Hindi | nursery poem in hindi | बच्चों की कविताएं।

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Hindi poem for kids

बन्दर मामा पहन पैजामा
दावत खाने आये ,
ढीला कुरता टोपी, जूता ,
पहन बहुत इतराये ,
रसगुल्ले पर जी ललचाया
मुँह में रखा गप से ,
नरम नरम था गरम गरम था
झील जल गयी लप से
बंदर मामा रोते रोते
वापस घर को आये
फेकि टोपी फेका जूता
रोये और पछ ताये ,

हुआ सवेरा चिड़ियाँ बोली
सब बच्चो ने आँखे खोली
अच्छे बच्चे मंजन करते
मंजन करके कुल्ला करते
कुल्ला करके मुँह को धोते
मुँह को धोकर रोज नहाते
रोज नहाकर खाना खाते
खाना खाकर पढ़ने जाते।

बच्चो के लिए कहानी

आलू का चालू बेटा कहाँ गए थे
बैंगन की टोकड़ी में सो रहे थे
बैंगन ने लात मारी रहे
मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे

ये मेरी है गुड़िया रानी
मुझसे सुनती रोज कहानी
कहती रोटी पीती पानी
कभी न करती सैतानी

चल मेरे घोड़े चल चल चल
ही ही करके नहीं मचल
दाएं चल या बाएं चल
सीधे चल या उलटे चल
इधर उधर तू नहीं भटक
चल मेरे घोड़े चल चल

nursery poem in hindi (बच्चों की कविताएं)

धोबी आया धोबी आया
कपडे साफ़
कितने कपडे लाया
एक दो तीन
चार पांच छह सात
आठ नौ दस और बस।

नानी नानी सुनो कहानी
एक था राजा एक थी रानी
राजा बैठ हांथी पर
रानी बैठी पालकी पर
बादल गरजा बरसा पानी
भीगा राजा बच गयी रानी ,

हाथी राजा कहाँ चले
सूढ़ हिलाकर कहाँ चले
मेरे घर भी आओ न
हलवा पूरी खाओ न
आओ बैठो कुर्सी पर
कुर्सी बोली छटर पटर ,

सड़क बनी है लम्बी चौरी
उसपे जाती मोटर गाडी
सब बच्चे पटरी पे आओ
बेच सड़क पे कभी न जाओ
जाओगे तो दब जाओगे
चोट लगेगी तो पछताओगे ,

तोता

तोता हु मैं तोता हूँ
हरे रंग का होता हूँ
चोंच मेरी लाल है
सूंदर सूंदर चाल है
बागो में मैं जाता हु
मीठे फल मैं खाता हु
देख देख माली को
निचे पत्तो में छिप जाता हु

आसमान से निकले तारे
चंदा मां कितने प्यारे
सबके मन को बहलाते
नई चांदनी छिटकाते
देखो इनकी शान निराली
सूरत कितनी भोली भाली
रोज सवेरे छीप जाते हैं
जैसे हमसे सरमाते हैं
आओ चंदा मांमाँ आओ
अपने घर की बात सुनाओ।

Child Poem in Hindi

बिल्ली मौसी बिल्ली मौसी
कहो कहां से आये हो
कितने चूहे मारे तुमने
कितने खाके आयी हो
क्या बताऊ सीला बहन
आज ही नहीं कुछ परत भरा
एक ही चूहा खाया मैंने
वह भी बिलकुल सडा हुआ।

अ से अनार आ से आम
होतें हैं सब मिलकर काम
ई से इमली ई से ईख
अच्छी -अच्छी बातें सिख
उ से उल्लू ऊ से ऊंट
एक -एक कर भर लो घूंट
ए से एंडी ऐ से ऐनक
भाग रहे दुश्मन के सैनिक
ओ से ओखली औ से औजार
फल फूले सारा संसार
अ से अंगूर अः से खाली
उतना खाओ जितनी खाली ,
रोज सवेरे
रोज सवेरे उठना अच्छा
नित्य कर्म करना अच्छा
ठीक समय पर पढ़ना अच्छा
नहीं किसी से लड़ना अच्छा।

प्रार्थना

हे भगवान् तुझे प्रणाम
तेरे बच्चे हमको सच्चे
हे भगवान् तुझे प्रणाम
पढ़ लिखेंगे योग्य बनेंगे
काम करेंगे नहीं डरेंगे
नित्य बढ़ेंगे बढ़े चलेंगे
दो बरदान हे भगवान्
हे भगवान् तुझे प्रणाम

बच्चों की कविताएं

एक कौवा प्यासा था
घड़े में पानी थोड़ा था
कौए ने ना डाला कंकड़
पानी आया ऊपर
कौए ने पिया पानी
ख़त्म हुए कहानी।

ची ची चूर चूर करती चिड़ियाँ
फुर फुर फुर फुर उड़ती चिड़ियाँ
फुदक फुदक कर गाना जाती
रोज सवेरे मुझे जगाती।

तितली रानी इतने सुन्दर
पंख कहाँ से लायी हो
क्या तुम कोई सहजादी हो
परी लोक से आयी हो
फूल तुम्हे भी अच्छे लगते
फूल हमे भी भाते हैं
वो तुमको कैसे लगते
जो फूल तोड़ ले जाते हैं।

नाव हमारी
जल्दी जल्दी दौरे आओ
रंग बिरंगे कागज़ लाओ
सूंदर सी एक नाव बनाकर
मिल जल कर उसको तैराओ
खूब तेज चलती है नाव्
कभी न थकती अपनी नाव
आगे आगे बढ़ती जाती
पार हमे ले जाती नाव।

कोयल
कोयल कोयल बोल रही है
डाल डाल पर डोल रही
कहु कहु का गीत सुनाती
कभी न मेरे घर आती
आमो के डाली पे गाती
बच्चो के दिल को बहलाती
कहु कहु कर किसे बुलाती
क्या अम्मा की याद सताती
यदि हम भी कोयल बन जाते
उड़ते फिरते गीत सुनाते।

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