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Tulsidas quotes in hindi

Best 71+ Tulsidas quotes in hindi | तुलसीदास जी के अनमोल विचार।

Tulsidas quotes in hindi-इस पोस्ट में महान कवि लेखक और नाटककार तुलसीदास जी के बेहतरीन अनमोल विचार को शेयर किया गया है -Tulsidas quotes in hindi on life –गोस्वामी तुलसीदास जी के प्रेरक विचार।

गोस्वामी तुलसीदास जी एक महान संस्कृत के कवि थे उनका जन्म सन 1532 ईस्वी में हुआ था। उनका सबसे प्रसिद्ध काव्य रामचरित्र मानस है ,जो एक रामायण कथा है।रामचरित्रमानस उनको एक प्रमुख हिंदी कवि बना दिया और उन्हें भक्ति के मार्ग के प्रमुख प्रवक्ता अस्थापित किया। उनका प्रमुख रचना श्रीकृष्णाष्टक, हनुमानचलीसा, विनयपत्रिका, और जानकीमानस आदि हैं।

गोस्वामी तुलसीदास जी का ये विचार आपके ज़िंदगी बदल देंगे

समय ही व्यक्ति को सर्वश्रेठ और कमजोर बनाता है। 

मुखिया मुख के सामान होना चाहिए जो खाने पिने को तो अकेला है ,लेकिन विवेकपूर्वक सब अंगो का पालन पोषण करता है। 

भावी पीढ़ी को संस्कारी बनाये रखना विकास की शसक्त श्रृंखला है। 

धर्म मित्र धैर्य और नारी की परीक्षा आपात इस्थिति में ही होती है। 

उत्साह में असीमित सकती होता है उत्साहित व्यक्ति के लिए कुछ भी असंभव नहीं होता। 

जो मनुष्य अपने अहित का अनुमान करके अपने शरण में आये हुए का त्याग कर देते है ,वे क्षुद्र और पापमय होते हैं दरअसल उनका उनका तो दर्शन भी उचित नहीं होता। 

बड़े कहते हैं विद्वानों और बुद्धिमानो से परामर्श ही विजय का आधार होता है। 

मंत्री बैध और गुरु -भय और लाभ की आशा से (हित की बात न कहकर ) प्रिय बोलते हैं तो क्रमशः राज्य शरीर और धर्म इन तीन का शीघ्र ही नाश हो जाता है। 

बिना पानी के बादलो के गरजने से बरसात नहीं होती। सच्चे वीर और पहलवान वेवजह नहीं दाहरते हैं वे युद्ध में अपना सौर्य दिखाते हैं। 

Top Tulsidas quotes in hindi on life

पिता गुरु और ज्येष्ठ भ्राता जो धर्म पालन का ज्ञान देते हैं वे सभी पिता के सामान होते हैं। 

धार्मिक व्यक्ति दुःख को सुख में बदलना जानता है। 

जिस व्यक्ति की तृष्णा जितनी बड़ी होती है वह उतना ही बड़ा दरिद्र होता है। 

धर्म किसी देश के सभी लोगो को एकजुट रखने में मद्दद करता है। 

लक्ष्य निश्चित हो और पाँव गतिशील हो तो लक्ष्य कभी दूर नहीं होता। 

धर्म सुख समृद्धि और सम्पति सभी धर्म के मार्ग में ही प्राप्त होतें हैं। 

सफलता का सबसे बड़ा सूत्र है व्यक्ति का अपना पुरुषार्थ। 

अत्यधिक लम्बे समय की दुरी और ओझलपन से प्रेम व् सनेह में कमी आ जाती है। 

जो होना है उसे कोई रोक नहीं सकता इसीलिए अपना सभी आशंकाओ के तनाव से मुक्त होकर अपना काम करते रहो। 

बृक्ष अपने सिर पर गर्मी सहता है पर अपनी छाया में दूसरों का ताप दूर करता है। 

तप के बल से ब्रह्मा सृष्टि करते हैं। तप से संसार में कोई बस्तु दुर्लभ नहीं है। 

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